बिहार में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रदेश भर में नाइट कर्फ्यू लागू करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar’s big decision) की अध्यक्षता में की गई क्राइसिस मैंनेजमेंट ग्रुप की बैठक में ये फैसला लिया गया है।
राज्य में नाइट कर्फ्यू 6 जनवरी से 21 जनवरी तक लागू रहेगा, जो रात के 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक प्रभावी रहेगा। नाइट कर्फ्यू लागू करने के अलावे राज्य के सभी जिम, मॉल और पार्कों को बंद करने का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की गई बैठक में ये फैसला लिया गया है कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े दुकानों को छोड़ कर प्रदेश भर की सभी दुकानें रात के आठ बजे तक ही खुली रहेंगी।
वहीं, कक्षा 9वीं से 12वीं तक की क्लास और सभी कॉलेज 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे। वहीं, इस सभी जगहों पर ऑनलाइन क्लास को प्राथमिकता देने को कहा गया है। स्कूलों के संचालन को लेकर भी सरकार ने फैसला लिया है। राज्य में आठवीं क्लास तक के बच्चों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सरकार के आदेश के मुताबिक के 21 जनवरी तक आठवीं क्लास तक के बच्चों के स्कूल बंद रहेंगे और उन्हें केवल ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था दी जाएगी।
हालांकि आठवीं से ऊपर के बच्चों को आधी उपस्थिति के साथ स्कूल बुलाया जा सकेगा सरकार ने जो आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों को इससे सख्ती के साथ लागू करना होगा राज्य में कोरोना की स्थिति भयावह होती देख सरकार ने यह फैसला किया है सभी तरह के प्राइवेट स्कूलों के ऊपर भी सरकार का यह आदेश लागू होगा।
बढते संक्रमण के रोकथाम एवं इसके निरोधात्मक उपाय हेतु विशेष चौकसी एवं निगरानी की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी है। 28 फरवरी, 2022 तक सभी डॉक्टरों व कर्मियों की छुट्टी रद्द की गयी है। इस संबंध में विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमार ने जारी किया।
विभागीय आदेश के अनुसार सभी चिकित्सा पदाधिकारियों, संविदा नियोजित सहित (चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर निदेशक तक, चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के प्राचार्य/ अधीक्षक से लेकर जूनियर रेजिडेंट तक एवं निदेशक, विशिष्ट चिकित्सा संस्थान), तथा राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों, संविदा नियोजित सहित इसमें शामिल है, जिनकी छुट्टी रद्द की गयी है। अध्ययन अवकाश एवं मातृत्व अवकाश को छोड़कर अन्य सभी छुट्टियां रद्द की गयी है। जो डॉक्टर या कर्मी अवकाश पर है, उन्हें अविलंब योगदान देने का निर्देश दिया गया है।