Patna | बिहार शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के आयोजन में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित एजेंसी एम/एस एसआईएफवाई डिजिटल सर्विस लिमिटेड, चेन्नई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने एजेंसी के साथ हुआ एकरारनामा रद्द कर दिया है और इसे काली सूची में डाल दिया है।
क्या हैं गड़बड़ियां?
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एजेंसी ने परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों की पुनरावृत्ति सहित अन्य गंभीर गड़बड़ियां की थीं। इसके अलावा, भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने, क्वेश्चन कोड में बदलाव, और सॉफ्टवेयर में खामियों को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं।
- प्रश्न पत्रों की पुनरावृत्ति:
स्थानीय निकाय के शिक्षकों की साक्षमता परीक्षा 2024 में पहले से इस्तेमाल किए गए प्रश्न दोहराए गए। - तकनीकी खामियां और मानव संसाधन की कमी:
एजेंसी ने परीक्षा आयोजन के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएं और मानव संसाधन उपलब्ध नहीं कराए। - फर्जी रिपोर्ट:
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि एजेंसी ने गलत तथ्य प्रस्तुत किए।
परीक्षा समिति की सिफारिश पर कार्रवाई
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के परीक्षा नियंत्रक ने एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके बाद शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद और परीक्षा समिति की रिपोर्ट के आधार पर एजेंसी के खिलाफ कदम उठाया गया।
भविष्य की योजना
इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग अब सक्षमता परीक्षा के लिए नई एजेंसी का चयन करेगा। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और दोषमुक्त हो।
सरकार का संदेश
शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि परीक्षा प्रक्रियाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।