इतिहास रच गया बिहार! बिजली खपत ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड – भीषण गर्मी से बिहार में बिजली की खपत 8303 मेगावाट! अब जल्द छू सकता है 9000 का आंकड़ा।बिहार बना ऊर्जा का टाइगर! बिजली खपत में उत्तर प्रदेश और बंगाल को पछाड़ा।@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार में बिजली खपत ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड, 8303 मेगावाट पहुंची मांग
23 घंटे बिजली – पहले सपना था, अब हकीकत है! जानिए बिहार में कैसे हुआ ये बदलाव। सिर्फ आंकड़ा नहीं, उपलब्धि है! 8303 मेगावाट बिजली खपत बिहार की नई पहचान। 2005 में 700 मेगावाट, अब 8303! बिहार ने दिखाई बिजली क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग।बिजली में आत्मनिर्भर बना बिहार! सरकार ने बताया आगे का मास्टरप्लान@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार में भीषण गर्मी और विकासशील अर्थव्यवस्था के बीच ऊर्जा मांग में ऐतिहासिक वृद्धि
पटना, देशज टाइम्स – बिहार में गर्मी का कहर चरम पर है, और इसके साथ ही बिजली की मांग ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार रात 10 बजे के बाद राज्य की बिजली खपत 8303 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक की सर्वाधिक दर्ज मांग है।
पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा
बिजली विभाग के अनुसार, यह आंकड़ा 23 सितंबर 2023 को दर्ज 8005 मेगावाट से 298 मेगावाट अधिक है। ऊर्जा विभाग का अनुमान है कि अगर गर्मी का यही रुख रहा, तो खपत जल्द ही 9000 मेगावाट का आंकड़ा पार कर सकती है।
ऊर्जा मंत्री बोले – यह बिहार की उपलब्धि है
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार की बिजली आपूर्ति प्रणाली में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। राज्य सरकार तकनीकी व वित्तीय सहायता से बिजली कंपनियों को मजबूत कर रही है।
2005 से 2025: बिजली खपत में ऐतिहासिक छलांग
वर्ष | अधिकतम बिजली मांग | उपभोक्ता संख्या | प्रति व्यक्ति खपत |
---|---|---|---|
2005 | 700 मेगावाट | 17 लाख | 70 यूनिट |
2025 | 8303 मेगावाट | 2.13 करोड़ से अधिक | 360 यूनिट |
गांवों में भी पहुंच रही 22 घंटे बिजली
शहरी क्षेत्र: 23–24 घंटे बिजली आपूर्ति। ग्रामीण क्षेत्र: 21–22 घंटे बिजली। बिजली सब्सिडी: ₹15,995 करोड़ का सालाना खर्च। बिजली दरें: उत्तर प्रदेश और बंगाल की तुलना में काफी कम।
बिजली की भूमिका: ग्रामीण अर्थव्यवस्था से स्टार्टअप तक
राज्य में बिजली उपलब्धता ने निम्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति को बढ़ावा दिया। इससे, इंडस्ट्रियल ग्रोथ (Industrial Growth), डिजिटल शिक्षा (Digital Education), कोल्ड स्टोरेज और सिंचाई, स्टार्टअप्स और स्मार्ट शहर योजनाएं आकार लेने लगीं।
भविष्य की योजना: 10,000 मेगावाट और आगे
ऊर्जा विभाग ने आगामी तीन वर्षों में बिजली मांग को 10,000 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना जताई है। इसके लिए बनाई गई योजनाओं में ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार होगा। अतिरिक्त पावर खरीद समझौते (PPA) होंगे।सोलर और अक्षय ऊर्जा स्रोतों का समावेश होगा। स्मार्ट मीटर और ग्रिड सबस्टेशन का प्रसार होगा।
अगर यही प्रगति बनी रही तो
8303 मेगावाट की रिकॉर्ड खपत केवल तकनीकी आंकड़ा नहीं, बल्कि यह बिहार के सामाजिक और औद्योगिक विकास की रफ्तार का प्रमाण है। अगर यही प्रगति बनी रही तो बिहार जल्द ही देश के अग्रणी ऊर्जा सक्षम राज्यों में शामिल हो सकता है।