पटना। तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को तालिबानियों की सरकार करारा दिया है। साथ ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी भाजपापर भी एकसाथ निशाना साधा है।
इसके साथ ही, कल तक राज्य सरकार को बेरोजगारी के मुददे पर घेरने वाले विपक्ष ने आज अपना मुददा बदल लिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अब केन्द्र सरकार के विरोध में बढ़ती महंगाई को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
तेजस्वी ने गुरुवार को अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम आम आदमी की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
तेजस्वी यादव ने गुरूवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत में एक बड़ा बयान दिया।
मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में तालिबानियों की सरकार चल रही है. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान का समर्थन करते हुए आरएसएस के लोगों को तालिबानी कह दिया।
तेजस्वी यादव ने कहा
“आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आरएसएस को तालिबानी बताकर बिलकुल सही कहा है। बीजेपी वाले तालिबानियों से बात कर रहे हैं, जहां बीजेपी की सरकार है, वहां समझिये कि सरकार ही तालिबानी चल रही है। और जहां भाजपा की सरकार नहीं है, वहां संघी तालिबानी चल रही है।
इधर, तेजस्वी ने अपने फेसबुक पर लिखा है- एनडीए सरकार के सौजन्य से देश में महंगाई एक भीषण समस्या बन चुकी है। डबल इंजन सरकार ने भीष्म प्रतिज्ञा ली है कि खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की क़ीमतें बढ़ाकर आम लोगों को भूखा मार देंगे। महंगाई को डायन बताने वाले आज इसे महबूबा समझ इससे चिपके बैठे है। सरकार में बैठे लोग महंगाई रूपी प्रियतमा को दूर कर ही नहीं पा रहे है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी ने आगे लिखा है- केंद्र और बिहार की डबल इंजन सरकार की पूँजीपरस्त जनविरोधी नीतियों की मार ने निम्न व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है। खाद्य पदार्थों, खाद्य तेल के दाम तो आसमान छू ही रहे थे।
खाना खरीदने के साथ साथ खाना पकाना भी महँगा हो गया है। पिछले 8 महीनों में रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए हैं। पिछले 2 हफ्तों में 2 बार रसोई गैस के कीमत बढ़ाए गए, ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार और उसके विभाग कमर कस कर बैठ चुके हैं गरीबों का जीना मुहाल कर के दम लेंगे।
उन्होंने सवाल करते हुए सरकार से पूछा है कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के खूब कसीदे पढ़े, खूब महिमामंडन किया, भावुकता का चोगा पहन पहन कर स्वघोषित निर्धनता उन्मूलन के पुरोधा होने का दावा किए, क्या आज इस सरकार में हिम्मत है कि गाँव.गाँव जाकर उज्ज्वला योजना की समीक्षा करें और देश को इसकी वास्तविकता बताएँ।
आज गरीबों के घर में पड़े खाली एलपीजी सिलेंडर मुँह चिढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में 384 रूपये प्रति रसोई गैस के सिलिंडर कंधे पर ढो ढोकर प्रदर्शन करने वाले लोग आज प्रति सिलेंडर की क़ीमत 1000 रूपये करने के बाद भी सत्ता में बैठ चुप्पी साधे हुए हैं, चौतरफा महँगाई से गरीबों और मध्यम वर्ग की जेबों पर डाका पड़ ही रहा था, रसोई गैस की कीमतों ने अब पेट पर लात मार दी है।