राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पटना एयरपोर्ट पहुंची। सीएम, राज्यपाल समेत कई नेताओं ने उनका स्वागत किया। बिहार में चौथे कृषि रोड मैप 2023 की शुरुआत हो गई है। पटना के बापू सभागार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसका शुभारंभ किया। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम के अलावा 12 विभागों के मंत्री,अफसर मौजूद रहे।
साथ ही बड़ी संख्या में किसान,कृषि वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 दिनों के बिहार दौरे पर हैं। बुधवार करीब 11.15 बजे वे वायुसेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचीं।
राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव किया। द्रौपदी मुर्मू देश की छठवीं राष्ट्रपति हैं, जो बिहार आई हैं। तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन पटना के बापू सभागार पहुंची। यहां पर बिहार सरकार के चौथे कृषि रोडमैप का शुभारंभ किया।
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को सुबह पटना एयरपोर्ट पहुंची। हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अरलेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य गणमान्य जनों ने किया। राष्ट्रपति एयरपोर्ट से सीधे राजभवन के लिए रवाना हो गई।
वहां से वह चौथे कृषि रौड मैप का उद्घाटन करने जाएंगी। बिहार के चौथे कृषि रोडमैप का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम पटना के बापू सभागार में हुआ। बुधवार को बापू सभागार में 2000 किसान व 900 जीविका दीदी समेत 5000 लोग शामिल हुईं। जेपी गोलंबर से बापू सभागार तक कृषि प्रगति से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की गई। राष्ट्रपति पटना साहिब तख्त श्रीहरमंदिर में मत्था टेकने भी जाएंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर आज बिहार आई हैं।
राष्ट्पति बिहार दौरे के दौरान चौथे कृषि रौड मैप का उद्घाटन के साथ गया और मोतिहारी में भी राष्ट्रपति का कार्यक्रम है। दरअसल, गया और मोतिहारी में द्रौपद्री मुर्मू दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार आ रहीं महामहिम द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति आज को पटना एयरपोर्ट पर वायुसेना के विशेष विमान से आई।
सीएम नीतीश ने पौधा, उनकी पोट्रेट और भागलपुरी सिल्क की साड़ी देकर सम्मान किया। बिहार के लगभग 93.60 लाख हेक्टेयर भूमि में 79.46 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य है। राज्य में आज भी 74 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए कृषि पर ही निर्भर है। राज्य के जीडीपी में कृषि का करीब 19 से 20% योगदान।
पशुधन का करीब 6% योगदान है। सबको देखते हुए नीतीश ने कृषि रोड मैप लाने का फैसला लिया। नीतीश सरकार ने पहले कृषि रोड मैप में बीज उत्पादन के साथ किसानों की उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश की उसके बाद चावल के उत्पादन में बिहार को काफी सफलता मिली।
पहले कृषि रोड मैप में बीज उत्पादन के साथ किसानों की उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश हुई थी। चावल के उत्पादन में बिहार को काफी सफलता मिली। पहला कृषि रोडमैप का बजट आकार बेहद छोटा था।
वहीं, दूसरा कृषि रोड मैप 2012 में लागू किया गया। उसके लिए 2011 में नीतीश सरकार ने 18 विभागों को शामिल कर कृषि कैबिनेट का गठन किया था।बिहार को दूसरे किसी रोड मैप में कई पुरस्कार भी मिले। 2012 में चावल उत्पादन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार मिला।
2013 में गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में कृषि कर्मण पुरस्कार मिला। 2016 में मक्का के उत्पादन के क्षेत्र में कृषि कर्मण पुरस्कार। उसके बाद तीसरा कृषि रोडमैप 2017 में लागू किया गया। कोरोना काल के कारण रोडमैप को एक साल बढ़ाया गया। तीसरे कृषि रोड मैप में ऑर्गेनिक खाद पर जोर दिया गया। किसानों को खेतों तक बिजली पहुंचाने में सरकार सफल रही। इसमें बिहार में हरित पट्टी बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बिहार यात्रा के दौरान राष्ट्रपति दो केंद्रीय विश्वविद्यालय और पटना एम्स समेत कुल तीन दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी। द्रौपदी मुर्मू 18 अक्टूबर को पटना पहुंच रही हैं और कृषि कैबिनेट कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद 19 अक्टूबर को राष्ट्रपति पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी।