मई,5,2024
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सुशील मोदी ने सार्वजनिक किया लालू यादव का नंबर, Twitter ने उठाया ये सख्त कदम

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नई दिल्ली, देशज न्यूज। बिहार (Bihar) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने जेल में बंद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास करने का आरोप लगाया था। सुशील मोदी ने अपने एक ट्वीट में लालू प्रसाद का एक नंबर शेयर किया था जिसे अब ट्विटर से हटा दिया गया है। ट्विटर (Twitter) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री के ट्वीट को नियमों का उल्लंघन बताते हुए इस ट्वीट को हटा दिया है।

sushil modi

 

बिहार में विधायकों को लालच देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जेल में बंद अध्यक्ष लालू प्रसाद की भाजपा विधायक के साथ फोन पर की गई कथित बातचीत की ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद बुधवार को राजद को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में बंद प्रसाद ने भाजपा विधायक ललन पासवान को मंगलवार को कथित रूप से उस समय फोन किया, जब पासवान भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ बैठक कर रहे थे।

राजद सुप्रीमो प्रसाद के कटु आलोचक मोदी ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया कि प्रसाद राजद विधायकों को मंत्रिपद का लालच देकर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डेढ़ मिनट की क्लिप साझा की जिसमें प्रसाद को अपने अंदाज में पीरपैंती के विधायक ललन कुमार से बातचीत करते सुना जा सकता है। ऑडियो में प्रसाद को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हम आपका ठीक से ख्याल रखेंगे, आप कल विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में राजग उम्मीदवार को हराने में हमारी मदद कीजिए।’

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ऑडियो में विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ वोट करने में अपनी दिक्कतों को बता रहे हैं जिस पर प्रसाद कहते हैं ‘आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हमारा अपना विधानसभा अध्यक्ष होगा। हम इस सरकार को गिराकर अपनी सरकार बनाते ही आपको पुरस्कृत करेंगे।’ भाजपा विधायक ने ऑडियो क्लिप की पुष्टि की और कहा कि सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में बातचीत हुई, जिसका भान संभवत: राजद सुप्रीमो को नहीं था। ललन कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सुशील कुमार मोदी के साथ बैठक में था जब मेरा निजी सचिव आया और सूचित किया कि मेरे मोबाइल पर लालू प्रसाद का फोन है। मुझे आश्चर्य हुआ, लेकिन मैंने सोचा कि कई अन्य लोगों की तरह उन्होंने चुनावी जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया होगा।’

विधायक ने कहा, ‘वह काफी वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए मैंने उन्हें प्रणाम किया। वह सरकार गिराने की बात करने लगे। मैंने उन्हें बताने का प्रयास किया कि मैं पार्टी के अनुशासन से बंधा हुआ हूं। फोन बीच में रोकते हुए मैंने सुशील मोदी को सूचित किया।’ मोदी ने मंगलवार की रात ट्वीट कर दावा किया कि उन्होंने राजद सुप्रीमो को फोन कर ‘गंदे तरीके’ अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने अपनी पार्टी के नेता विजय कुमार सिन्हा के विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा, ‘लालू प्रसाद का षड्यंत्र विफल हो गया।’

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उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि वह झारखंड सरकार से कहेंगे कि मामले का संज्ञान ले और जरूरत पड़ने पर इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए केंद्र से संपर्क करे। बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक सहनी ने कहा, ‘जो लोग सरकार गिराने की नीयत से विधायकों से बात करते हैं उन्हें लोकतांत्रिक नियमों पर बोलने का अधिकार नहीं है।’

इस बीच, विधानसभा की कार्यवाही के दौरान नदारद रहे राजद नेताओं ने इस मुद्दे पर सोची-समझी चुप्पी साध रखी है, जिससे सत्ता में रहते हुए जंगलराज के आरोप झेलने वाली पार्टी की छवि पर एक और दाग लग सकता है। पार्टी के कुछ नेताओं ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘यह एक शरारत हो सकती है। लालू प्रसाद की आवाज मशहूर है और कई लोग बहुत सफाई से उनकी आवाज निकाल सकते हैं।’ हालांकि पार्टी नेताओं ने अभी तक इन आरोपों को सिरे से दरकिनार नहीं किया है।

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बहरहाल, महुआ सीट से नवनिर्वाचित विधायक मुकेश रौशन ने दावा किया, ‘मार्च में आप बड़ा उलटफेर देखेंगे। यह सरकार गिर जाएगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। सभी दलों के विधायक हमारे संपर्क में हैं। देखिए और इंतजार कीजिए।’ इस बीच झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने रांची में कहा कि जिला प्रशासन की अनुमति से प्रसाद रिम्स निदेशक के बंगले में रहते हैं।

रांची जिला प्रशासन प्रसाद के आगंतुकों और उनसे जुड़े अन्य मुद्दों पर निर्णय करता है। सोशल मीडिया में चल रही क्लिप के बारे में भूषण ने रांची में कहा, ‘हम इसे देखेंगे और अगर कोई सच्चाई मिलती है तो हम उप जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करने और कानून सम्मत कार्रवाई करने के लिए कहेंगे।’

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