राजद की नई टीम से ‘अनफिट’ जगदानंद सिंह की छुट्टी तय है। लेकिन, जगदानंद सिंह का कद इतना तो बड़ा है ही कि तेजस्वी या लालू यादव उनका बेहतर रिप्लेसमेंट ढूंढ़ पाने में मुश्किल हो सकती हैं। लेकिन इसका उपाय भी राजद नेतृत्व ने ढूंढ़ लिया है।
जगदानंद को रिप्लेस करेंगे राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी। सिद्दीकी विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं। ऐसे में जगदानंद को उनसे रिप्लेस कर राजद नेतृत्व उनको भी सेटलमेंट दे सकेगा और पार्टी को भी। वहीं भोला यादव को भी संगठन में बड़ा पद दिए जाने की चर्चा है। जो लालू परिवार के प्रति उनके करीब होने का इनाम हो सकता है।
जानकारी के अनुसार,बेटे सुधाकर सिंह को मंत्री पद से हटाए जाने से जगदानंद सिंह बेहद नाराज हैं।प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ेंगे यह अब तय माना जा रहा है। दो अक्टूबर को सुधाकर सिंह के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही पार्टी के कार्यक्रमों से जगदानंद सिंह दूर हो गए।
दिल्ली में लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद जगदानंद सिंह ने तबीयत का हवाला देकर प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही है। जगदाबाबू के प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद अब्दूल बारी सिद्दीकी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात सामने आ रही है। वहीं, दरभंगा के पूर्व विधायक भोला यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, यह भी तय माना जा रहा है।
जगदानंद सिंह गांव से पटना आने के बाद लालू यादव से मिलने के लिए नई दिल्ली गए थे। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। जगदानंद सिंह ने लालू यादव के सामने अपने तबीयत का हवाला देकर प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही। जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए कहा। इसके बाद वह पटना लौट आए और यहां से सीधे अपने गांव चले गए।
ऐसे में,तेजस्वी ने पार्टी पर फुल कंट्रोल के लिए कड़ा फैसला लेने का भी निर्णय लिया है। तेजस्वी के नए राजद में उसी को तरजीह मिलेगी, जिसकी लॉयल्टी पार्टी और लालू परिवार के तरफ अधिक रहेगी। किसी नेता की नाराजगी के लिए जगह नहीं रखी जाने वाली। इसी कड़ी में अब जगदानंद सिंह की विदाई तय मानी जा रही है। लेकिन जगदानंद की विदाई और उनके स्थान पर नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन, राजद में कई मुश्किलों को हल कर सकता है।
जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने की सूरत में अब्दूल बारी सिद्दीकी को आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पद जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है। अब्दूल बारी सिद्दीकी आरजेडी के पुराने नेता हैं। लालू प्रसाद के करीबी है। वह हमेशा लालू परिवार के प्रति वफादार रहे हैं. इधर यह भी कहा जा रहा है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कुढ़नी उपचुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है। कुढ़नी में करीब 40 हजार मुस्लिम मतदाता है।