बगहा से एक सनसनीखेज खबर है। यहां इलाज के दौरान कथित तौर पर सात महिलाओं का गर्भाशय निकाल लिया गया। यह मामला एक क्लिनिक पर छापेमारी के बाद सामने आया। क्लिनिक में 11 में 7 महिलाएं ऐसी मिली, जिनके गर्भाश्य निकाले गये।
इस खबर के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी मची हुई है। प्रशासन के भी हांथ-पांव फूल गये हैं। इस मामले के सामने आने के बाद एक फर्जी क्लिनिक संदेह के घेरे में है। प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है। जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम द्वारा रामनगर के दुर्गानगर स्थित ओम साईं हेल्थ केयर में छापेमारी की गई थी।
इस दौरान इसके कमरों में 11 सिजेरियन मरीज पाए गए थे, जिसमें 7 महिलाओं के गर्भाशय निकालने का मामला सामने आया है। प्रशासन मामले की जांच जुट गया है। इस फर्जी क्लीनिक में कई महिलाओं का ऑपरेशन हुआ था, जिनमें से अधिकतर ऑपरेशन गर्भाषय को लेकर किये गये थे।
इधर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्र भूषण ने कहा कि कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी, लेकिन उनके साथ अभद्र व्यवहार कर सभी मरीजों को लेकर स्वजन लेकर फरार हो गए। मरीजों का नाम पता ज्ञात है। इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बता दें कि नगर के दुर्गानगर स्थित ओम साईं हेल्थ केयर में छापेमारी की गई थी। इस दौरान इसके कमरों में 11 सिजेरियन मरीज पाए गए थे। जिसमें 7 महिलाओं के गर्भाशय निकालने का मामला सामने आया है।
कुछ महिलाओं का पथरी और कुछ गर्भवती महिलाओं का बच्चे के जन्म को लेकर ऑपरेशन किया गया। छापेमारी के दौरान क्लिनिक से ऑपरेशन से संबंधित उपकरण और लेटर हैड भी बरामद हुआ है, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। पढ़िए पूरी खबर
बगहा में किडनी प्रकरण के बाद महिला मरीजों के गर्भाशय निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर स्थित निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन और डिलीवरी के नाम पर 22 से 35 साल की उम्र महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिए गए। इस घटना की शिकार एक या दो नहीं बल्कि 7 महिलाएं हुई हैं।
रामनगर के दुर्गा नगर स्थित ओम साईं नाम के अवैध क्लीनिक पर छापेमारी के बाद शाम हो जाने के कारण मरीजों को अस्पताल से बाहर नहीं निकाला जा सका। स्थल पर दो कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर राज शुक्ला एवं ओम प्रकाश के साथ एक प्राइवेट गार्ड राकेश कुमार को प्रतिनियुक्त कर दिया गया। तय हुआ था कि मंगलवार की सुबह मरीजों को जीएमसीएच ने भेजा जाएगा और साथ में क्लीनिक को सील किया जाएगा।
पर, छापेमारी दल के वापस आने के साथ ही उसमें से सभी मरीज धीरे-धीरे निकल कर फरार हो गए। गार्ड राकेश कुमार ने बताया कि मरीजों के स्वजन रात में हल्ला हंगामा करने लगे। साथ ही धक्का-मुक्की भी की। बाद में उन्हें मजबूरी में छोड़ना पड़ा।




 
