बिहार में अब सरकारी अफसर या कर्मी के खिलाफ की गई शिकायत को वापस नहीं लिया जा सकता है। जी हां, सोच लीजिए, अब बिहार में अब सरकारी अफसर या कर्मी के खिलाफ शिकायत करके आप पश्चातएंगें। उसे वापस नहीं ले सकेंगे।
आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी
ऐसा करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। ऐसा, लोकसेवकों के खिलाफ हो रही (Now you will not be able to file any complaint against government officials or employees, what if…?) झूठी शिकायतों के बाद यह कड़ा फैसला सरकार ने लिया है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतकर्ता नहीं ले सकेंगे शिकायत वापस
इसके मद्देनजर विभाग के विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर के स्तर से यह आदेश जारी किया गया है। इसमें निगरानी विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख से लेकर डीएम, एसपी समेत अन्य को पत्र भेजा है। लिखित आदेश सभी को भेजा गया है, उसमें क्या है पढ़िए पूरी खबर।
पहले यह जानिए क्यों आया ऐसा आदेश
दरअसल, कई मामलों में देखा गया है कि पदाधिकारियों पर दवाब बनाने या कई कारणों की वजह से लोकसेवक पर झूठा केस दर्ज किया जाता है और कुछ समय बाद इस शिकायत पत्र को यह कहते हुए वापस ले लेते हैं कि यह शपथ-पत्र बहकावे में भेज दिया था या किसी दुर्भावना से प्रेरित था। जिसको देखते हुए आदेश दिया गया है कि अब कोई भी शिकायत दायर कर वापस नहीं लेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत पत्रों पर कार्रवाई का क्यों बना मन
इससे संबंधित आदेश निगरानी विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख से लेकर डीएम, एसपी समेत अन्य को जारी कर दिया है। विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर के स्तर से लिखित आदेश सभी को भेजा गया है। इस पत्र में सभी महकमों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसका पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जून 2005 में मुख्य सचिव के स्तर से लोक सेवकों के खिलाफ प्राप्त किसी बेनामी या छद्म नाम से शिकायत पत्रों पर कार्रवाई करने को लेकर मार्ग दर्शन जारी किया गया था।
सभी महकमों को दिशा-निर्देश जारी
इस पत्र में सभी महकमों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसका पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जून 2005 में मुख्य सचिव के स्तर से लोक सेवकों के खिलाफ प्राप्त किसी बेनामी या छद्म नाम से शिकायत पत्रों पर कार्रवाई करने को लेकर मार्ग दर्शन जारी किया गया था।
सरकारी सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायत-पत्र
निगरानी विभाग में खासतौर से यह देखा जाता है कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं आम जनता की तरफ से सरकारी सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायत-पत्र प्राप्त होते हैं। निगरानी विभाग में खासतौर से यह देखा जाता है कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं आम जनता की तरफ से सरकारी सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायत-पत्र प्राप्त होते हैं। इसमें नियमानुकूल कार्रवाई की जाती है परंतु जांच में अधिकांश मामले फर्जी पाए जाते हैं या शिकायतकर्ता आगे चलकर इसे वापस ले लेते हैं। दूसरा शपथ-पत्र दायर कर पहले वाले को रद्द करने या आधारहीन आरोप लगाने की बात कहते हैं।
अब विभाग करेगा कार्रवाई
इसमें नियमानुकूल कार्रवाई की जाती है परंतु जांच में अधिकांश मामले फर्जी पाए जाते हैं या शिकायतकर्ता आगे चलकर इसे वापस ले लेते हैं। दूसरा शपथ-पत्र दायर कर पहले वाले को रद्द करने या आधारहीन आरोप लगाने की बात कहते हैं। ऐसे लोगों पर अब विभाग कार्रवाई करेगा।