दरभंगा, देशज टाइम्स। रविवार को दिन के तीन बजे लालबाग मोहर्रम कमेटी की ओर से से चेहल्लूम का अखाड़ा निकाला गया, जो लालबाग से होते हुए भगत सिंह चौक, दरभंगा टावर, किलाघाट, नाका 5 होते हुए मिर्जापुर जैसे कई मुख्य सड़कों से गुजरा।
चेहल्लुम का अखाड़ा 1967 से लालबाग से निकलते आ रहा है। उसी साल दरभंगा जिला मोहर्रम कमेटी की स्थापना हुई। इसको स्व. डॉ. नूरुल हसन पूर्व उपाध्यक्ष नगरपालिका दरभंगा, स्व. हाजी विरासत हुसैन, स्व. खादिम हुसैन एमएलए (सीपीआई), स्व. फिदा हुसैन अंसारी एमएलसी कांग्रेस, स्व. एस एम जुबेर पूर्व उपाध्यक्ष नगरपालिका दरभंगा ने मोहर्रम कमेटी दरभंगा को कायम किया था।
पिछले 55 साल से चेहल्लुम का अखाड़ा लालबाग मोहर्रम कमेटी की ओर से हर साल एक नई झांकी जिसमें हाथी, रथ, घोड़े और तिरंगा झंडा के साथ निकालता आ रहा है। इस बार भी घोड़े पर बादशाह एर्तुग्रुल गाज़ी के रोल में कांग्रेस के नेता डॉ. जमाल हसन को बैठाया गया। इसे देखने के लिए पूरे शहर में हर जगह लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तिरंगा झंडा को लालबाग मोहर्रम कमेटी ने राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए अपने अखाड़े के साथ लेकर चलते हैं,जो डॉ. कमरूल हसन पूर्व अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी दरभंगा, नूरुल होदा खान,सईद खान, डॉ. बदरुल हसन, अब्दुल हमीद वगैरह की सरपरस्ती में चलता आ रहा है।
लालबाग मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मो. रफी, महासचिव महबूब खान, सचिव मो. तमन्ना, खजांची साबिर हुसैन, उपाध्यक्ष मो. बाबर, सदस्यगण फिरोज खान, मो. शकील, कैसर खान (उस्ताद), मो. नूर, अकबर कुरेशी, मो. फिरोज, मो. छोटे, डॉ. जियाउल हसन, अधिवक्ता तनवीरुल हसन, तनवीर आलम पूर्व जिला सचिव दरभंगा मोहर्रम कमेटी की निगरानी और सरपरस्ती में आज भी निकाला गया जो दरभंगा जिला में एक मिसाल है। जिला प्रशासन दरभंगा की ओर से 2012, 2015 का प्रथम पुरस्कार भी लालबाग मोहर्रम कमेटी को मिल चुका है। यह भी जिला प्रशासन की ओर से दिया गया सम्मान गौरव की बात है, भाईचारा और एकता का सबूत है जो लालबाग मोहर्रम कमेटी की एक अलग पहचान बनाती है।
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