पुरुष वर्ग परंपरागत हथियार, लाठी, भाला, गरासा, तलवार योगचाप आदि का प्रदर्शन करते नाचते गाते प्रतिमा को लेकर चलते हैं। वहीं, महिलाए सोहर, समुदाउन गीत गाती हुई, झिझिया नृत्य करती हुई अपने निर्धारित स्थल महावीर बाजार से माता की विसर्जन जुलूस को अपने नियंत्रण में ले लेती है।
जानकारी के अनुसार, जलेश्वरी मंदिर में 1960 से होने वाली दुर्गा पूजा में लोगों की असीम श्रद्धा है। लोगों की मानें तो यहां हर मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां के लोग न सिर्फ पूजा धूमधाम से करते हैं बल्कि मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन भी पूरी उत्साह के साथ करते हैं।