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7 नवम्बर, 2024
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पटना हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, पप्पू यादव पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी उपलब्ध कराएं

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सांसद पप्पू यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कारण, पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद राजेश रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि यादव के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों का पूरा आपराधिक रिकॉर्ड अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करें।

वह किस-किस केस में जमानत पर चल रहे हैं, इसका डिटेल मांगा गया है। पूर्व में जमानत मिलने के बाद हाल के दिनों में पटना कोतवाली व गांधी मैदान में दर्ज किए गए मामलों को आधार बना कर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने और. जमानत के बाद उन पर दो मामले दर्ज हुए हैं।

पटना हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, पप्पू यादव पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी उपलब्ध कराएं
पटना हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, पप्पू यादव पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी उपलब्ध कराएं
खंगाला जा रहा है आपराधिक इतिहास
जेपी गोलंबर पर वित्तरहित के साथ सड़क जाम व प्रदर्शन में शामिल होकर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने के मामले में पप्पू यादव पर दर्ज हुए मामले के बाद पूरा माहौल गरम हो गया था। पुलिस महकमे में उनकी जमानत रद कराने को लेकर दस्तावेज एकत्रित किए जाते रहे हैं।
भीड़ को उकसाने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप

पिछले दिनों सैप जवानों के साथ डाक बंगला चौराहे पर सड़क जाम में शामिल होने तथा तीन अगस्त को जेपी गोलंबर पर हुए शिक्षकों के प्रदर्शन में सड़क जाम करने के आरोप में उन पर एफआइआर दर्ज हुई थी। पुलिस का आरोप है कि जमानत के बाद वह भीड़ को उकसाने व सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसा काम पप्पू यादव कर रहे हैं. यह बात एफआइआर में भी कही गयी है।

इन मामलों में आये थे सुर्खियों में
– वर्ष 2008 में सीपीआइ नेता अजीत सरकार के हत्याकांड में पप्पू यादव आरोपित थे। निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया।
– 2013 में प्रकाशित किताब आत्मकथा द्रोहकाल का पथिक में उन्होंने उल्लेख किया है कि 2001 में पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने उनकी पार्टी के तीन सांसदों को एनडीए में शामिल कराने के लिए पैसे दिये थे। 2008 में ट्रस्ट वोट के दौरान सांसदों के समर्थन के लिए कांग्रेस और भाजपा ने उनकी पार्टी के सांसदों को 40 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।
राजनीतिक कैरियर पर एक नजर
– राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहली बार 1991 में लोकसभा चुनाव जीते.
– 1996, 1999, 2004 में एसपी, एलजेपी व आरजेडी से चुनाव जीते.
– 2009 में आम चुनाव लड़ने पर लगी थी रोक.
– 2014 में मधेपुरा से शरद यादव को हरा कर सांसद बने

अब आज का मामला यह है

चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

राज्य सरकार के अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता अजय मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पप्पू यादव द्वारा उक्त थाना कांड के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के साथ ही जमानत याचिका भी दायर किया है।

पप्पू यादव का बेल बांड उक्त मामले में 16 दिसंबर, 1993 को ही रद्द हो गया था। इस मामले में पप्पू यादव फरार चल रहे थे।इसके बाद उन्होंने 8 जून, 2021 को जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जमानत याचिका के लंबित रहने के दौरान ही उक्त थाना कांड संख्या मामले में मधेपुरा स्थित निचली अदालत द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया। इस तरह इस जमानत याचिका का कोई महत्व नही रह गया है। कोर्ट को बताया गया कि इन्होंने जमानत याचिका के साथ ही इस मामले को निरस्त करने के लिए भी याचिका दायर की ह।निचली अदालत से बरी हो जाने के बाद अब इस दोनों याचिकाएं सुनवाई के योग्य नहीं रह गई है।

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि याचिकाकर्ता निचली अदालत में नियमित तौर से उपस्थित हो रहे थे, किन्तु अधिवक्ता की चूक की वजह से उक्त कांड में पैरवी नहीं की जा रही थी जिसकी वजह से निचली अदालत द्वारा 16 दिसंबर, 1993 को बेल बांड रद्द कर दिया गया था।कोर्ट को बताया गया कि बेल बॉन्ड रद्द होने की सूचना याचिकाकर्ता पप्पू यादव को नहीं दी गई थी.

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