बिहार में अब ईंट भट्टा खोलना और चलाना मुश्किल हो गया है। केंद्रीय पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जो नए आदेश जारी किए हैं उसके मुताबिक,अब बस्ती, स्कूल, अस्पताल, कोर्ट और सरकारी दफ्तरों के आठ सौ मीटर की परिधि में कोई ईंट-भट्ठा नहीं खोला जा सकेगा।
जानकारी के अनुसार, अब ईंठ-भट्ठों के लिए मंत्रालय ने नदियों से दूरी भी तय कर दी है। इसके तहत नदियों से दूरी भी 500 मीटर होनी चाहिए। ईंठ-भट्ठे की नदियों से दूरी भी 500 मीटर होनी चाहिए। ईंट-भट्ठे की दूरी नेशनल हाईवे से कम से कम 300 मीटर और स्टेट हाईवे से 200 मीटर को भी अनिवार्य बना दिया गया है।
रेलवे लाइन से भी भट्ठों की दूरी कम से कम 200 मीटर होनी चाहिए। 25 वृक्षों वाले बगीचों के 800 मीटर के दायरे में भी इन्हें स्थापित नहीं किया जा सकेगा। दो ईंट-भट्ठों के बीच की दूरी भी कम से कम एक किलोमीटर होनी चाहिए।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नए ईंट भट्ठे लगाने के नियमों को सख्त कर दिया है। नए नियमों के संबंध में सभी राज्यों को भी अवगत करा दिया गया है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने नए ईंट भट्ठे की स्थापना के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है। नई व्यवस्था में भट्ठे के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। मंत्रालय की पहली प्राथमिकता ईंट भट्ठे से होने वाले प्रदूषण को रोकना है।
नई व्यवस्था में पुराने ईंट भट्ठों के लिए यह प्रविधान किया गया है कि यदि वे नए नियमों का अपना कर भट्ठे चलाना चाहते हैं तो उन्हें दो वर्ष के अंदर तमाम व्यवस्था करनी होगी। यही नहीं प्रदूषण से बचाव के लिए राज्यों में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो प्रविधान किए गए हैं उनका भी इस दौरान कड़ाई पालन किया जाएगा। खान एवं भू-तत्व विभाग ने केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन जारी करते हुए इससे जिलों को भी अवगत करा दिया है।