भोपाल। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी नवाचारों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डिफेंस इनोवेशन एण्ड डेवलपमेंट विंग की स्थापना होगी। इससे रोजगार के अवसर भी बनेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) और टेरीटोरियल आर्मी इनोवेशन सेल के बीच अनुबंध किया गया है।
Bhopal News: डॉ. अनिल कोठारी ने बताया –
परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि डिफेंस इनोवेशन एंड डेवलपमेंट विंग रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देती है। इसकी स्थापना से भोपाल डिफेंस इनोवेशन का एक केंद्र बनकर क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के विकास में सहायक होगा।
Bhopal News: विंग के माध्यम से शैक्षिक संस्थानों, सरकारी निकायों, स्टार्टअप, उद्योगों और…
उन्होंने बताया कि विंग के माध्यम से शैक्षिक संस्थानों, सरकारी निकायों, स्टार्टअप, उद्योगों और प्रादेशिक सेना सहित प्रमुख भागीदारों के समर्थन में नवाचार और प्रगति के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही भोपाल में रक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो नवाचार और रक्षा के लिए सहयोग का केंद्र बनेगा।
भोपाल में एक समर्पित एआई लैब स्थापित की जाएगी, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, कमांड और नियंत्रण, सूचना के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के काम करेगी। जिससे सेना के लिए मिशन-क्रिटिकल समाधान विकसित होगा। एक प्रतिभा विकास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जो सेना की तकनीकी परियोजनाओं में रूचि रखने वाले व्यक्तियों के कौशल को विकसित करेगा।
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और मार्गदर्शन के अवसर शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योग साझेदारों के साथ सहयोग और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा दिया जाएगा, इसके अंतर्गत कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन होगा। कोलेबोरेशन प्लेटफार्म को विकसित कर स्टेक होल्डर्स के विचारों, ज्ञान और संसाधनों को साझा करने का कार्य किया जाएगा। यह मंच शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और सेना के लिए सुलभ रहेगा।
Bhopal News: पहल के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका
डिफेंस इनोवेशन एंड डेवलपमेंट विंग के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, टेरीटोरियल आर्मी इनोवेशन सेल और राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नेतृत्व में इस अद्भुत पहल के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।