
नेपाल में हालात बेकाबू! काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू, ओली ने दिया इस्तीफा। जन-आंदोलन के सामने झुकी सरकार! सोशल मीडिया बैन हटते ही ओली को छोड़नी पड़ी कुर्सी। काठमांडू में सेना और प्रदर्शनकारियों आमने-सामने, ओली दुबई जाने की तैयारी में। सोशल मीडिया पर बैन से शुरू हुआ आंदोलन, अब नेपाल सरकार का पतन! नेपाल में खून-खराबे के बीच ओली का इस्तीफा – प्रदर्शनकारियों ने तोड़ा पीएम ऑफिस का गेट। ओली बोले – नई पीढ़ी को समझ नहीं पाए! नेपाल में छात्रों की मौत पर दो दिन का शोक। नेपाल की सड़कों पर हाहाकार! सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ गुस्सा, ओली सरकार गई@दिल्ली,देशज टाइम्स।
संसद और नेताओं के घरों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा, आगजनी से हालात बेकाबू
नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों और अराजक हालात के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद देशभर में अराजकता और तनाव और भी तेजी से बढ़ गया है।
संसद और सरकारी इमारतों पर हमला
काठमांडू की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी उतर आए और उन्होंने संसद भवन में आग लगा दी। यही नहीं, सिंह दरबार (मंत्रियों के दफ्तर) और सर्वोच्च न्यायालय जैसी अहम इमारतों पर भी कब्जा कर लिया गया। राजधानी के कई हिस्सों में धुएं का गुबार फैल गया है। सुरक्षा बलों ने मंत्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया, लेकिन हालात काबू से बाहर हैं।
नेताओं के घरों को बनाया निशाना
भीड़ ने केवल सरकारी इमारतों को ही नहीं, बल्कि शीर्ष नेताओं के निजी आवासों को भी आग के हवाले कर दिया। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, गृहमंत्री रमेश लेखक और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल के घरों पर हमला हुआ। वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने उनके घर के पास पीट दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के घरों को भी भीड़ ने निशाना बनाया।
स्थिति गंभीर
नेपाल में इ
संसद और नेताओं के घरों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा, आगजनी से हालात बेकाबू
काठमांडू, 08 सितंबर 2025:
नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों और अराजक हालात के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद देशभर में अराजकता और तनाव और भी तेजी से बढ़ गया है।
संसद और सरकारी इमारतों पर हमला
काठमांडू की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी उतर आए और उन्होंने संसद भवन में आग लगा दी।
यही नहीं, सिंह दरबार (मंत्रियों के दफ्तर) और सर्वोच्च न्यायालय जैसी अहम इमारतों पर भी कब्जा कर लिया गया।
राजधानी के कई हिस्सों में धुएं का गुबार फैल गया है।
सुरक्षा बलों ने मंत्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया, लेकिन हालात काबू से बाहर हैं।
नेताओं के घरों को बनाया निशाना
भीड़ ने केवल सरकारी इमारतों को ही नहीं, बल्कि शीर्ष नेताओं के निजी आवासों को भी आग के हवाले कर दिया।
राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, गृहमंत्री रमेश लेखक और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल के घरों पर हमला हुआ।
वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने उनके घर के पास पीट दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के घरों को भी भीड़ ने निशाना बनाया।
संसद और नेताओं के घरों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा, आगजनी से हालात बेकाबू
नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों और अराजक हालात के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद देशभर में अराजकता और तनाव और भी तेजी से बढ़ गया है।
संसद और सरकारी इमारतों पर हमला
काठमांडू की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी उतर आए और उन्होंने संसद भवन में आग लगा दी। यही नहीं, सिंह दरबार (मंत्रियों के दफ्तर) और सर्वोच्च न्यायालय जैसी अहम इमारतों पर भी कब्जा कर लिया गया। राजधानी के कई हिस्सों में धुएं का गुबार फैल गया है। सुरक्षा बलों ने मंत्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया, लेकिन हालात काबू से बाहर हैं।
नेताओं के घरों को बनाया निशाना
भीड़ ने केवल सरकारी इमारतों को ही नहीं, बल्कि शीर्ष नेताओं के निजी आवासों को भी आग के हवाले कर दिया। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, गृहमंत्री रमेश लेखक और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल के घरों पर हमला हुआ। वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने उनके घर के पास पीट दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के घरों को भी भीड़ ने निशाना बनाया।
नेपाल में इस समय हालात इतने बिगड़ चुके हैं
नेपाल में इस समय हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि संसद से लेकर नेताओं के घरों तक प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं ने राजधानी को अराजकता में धकेल दिया है।
नेपाल में इस समय हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि संसद से लेकर नेताओं के घरों तक प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं ने राजधानी को अराजकता में धकेल दिया है।
कि संसद से लेकर नेताओं के घरों तक प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं ने राजधानी को अराजकता में धकेल दिया है। नेपाल की राजधानी काठमांडू और ललितपुर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। इस बीच, भारी दबाव और जन आंदोलन के कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया।
काठमांडू और ललितपुर में कर्फ्यू
काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने रिंग रोड क्षेत्र में आज सुबह 8:30 बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया। आदेश मुख्य जिला अधिकारी छाबिलाल रिजाल ने स्थानीय प्रशासन अधिनियम, 2028 की धारा 6ए के तहत जारी किया। कर्फ्यू के दौरान सभा, जुलूस, प्रदर्शन और बैठक पर प्रतिबंध रहेगा। ललितपुर जिला प्रशासन कार्यालय ने भी चुनिंदा इलाकों में सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक कर्फ्यू लगाया।
सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ आंदोलन
आंदोलन की शुरुआत सरकार द्वारा सोशल मीडिया बैन लगाने से हुई थी। हालांकि आधी रात के बाद बैन हटा लिया गया और फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसी सेवाएं फिर से चालू हो गईं। सोशल मीडिया बहाली के बावजूद आंदोलन का फोकस अब ओली सरकार को हटाने पर आ गया।
पीएम ओली का इस्तीफा
प्रदर्शनकारियों के भारी दबाव के बीच प्रधानमंत्री ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार, सेना प्रमुख और नेपाली कांग्रेस ने भी उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी थी। इस्तीफे से पहले ही चार कैबिनेट मंत्री त्यागपत्र दे चुके थे। बताया जा रहा है कि ओली इस्तीफे के बाद दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और जनहानि
बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोला। कई छात्रों की मौत हुई, जिनकी स्मृति में शैक्षणिक संस्थानों में दो दिन का शोक घोषित किया गया है। एनएमए, एपीईएन, हिसान, नेशनल पैब्सन और पैब्सन ने 9 और 10 सितंबर को स्कूल बंद रखने की घोषणा की।
ओली का भावुक संदेश
इस्तीफे से पहले ओली ने कहा कि सरकार नई पीढ़ी की भावना को समझाने में विफल रही। “सोशल मीडिया चलाने के लिए अब किसी जेन जी को सड़क पर आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने न्यायिक जांच की घोषणा भी की और मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।