बिहार में शिक्षकों की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था पर काला तिल चस्पा हो गया है। जहां, 446 स्कूलों की मान्यता पर सवाल खड़ा हो गया क्योंकि इन स्कूलों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी स्कूलों को समय दिया गया है अगर निर्धारित समय पर सभी स्कूल मापदंड पूरा नहीं करते है तो इनकी (Bihar Board suspended recognition of 446 schools) मान्यता रद कर दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार, बिहार के 446 स्कूलों की मान्यता सस्पेंड कर दिया गया है। जिसमें 439 माध्यमिक और 7 उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शाशि निकाय की बैठक आयोजित की गई। इसमें यह फैसला लिया गया है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा है कि मापदंड को पूरा नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ यह एक्शन हुआ है। आनंद किशोर ने बताया है कि जिस स्कूलों की मान्यता को निलंबित किया गया है वे स्कूल निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं कर रहे थे।
वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पास के स्कूल में नामांकन करवाया जाएगा, जबकि 10वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों को उसी स्कूल से सारी प्रक्रिया पूरी करवाकर परीक्षा दिलायी जाएगी। ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन स्कूलों की मान्यता इसलिए रद्द की गई है वहां बनाए गए नियमों के अनुसार स्कूलों को नहीं चलाया जा रहा था। जांच के बाद पाया गया था कि इन स्कूलों में कई कमियां थी, जैसे टीचरों की कमी, क्लास की कमी, संसाधन की कमी, आदि अन्य बुनियादी कमियों के कारण इन स्कूलों को बंद किया गया है। इस दौरान कई स्कूलों ने जांच के दौरान मदद करने में कमी की थी। फिर इन स्कूलों की जांच खुद शिक्षा अधिकारियों ने की थी। पढ़िए पूरी खबर
स्कूल की मान्यता सस्पेंड करने को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शाशि निकाय की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में उन स्कूलों पर फैसला लिया गया जिन्होंने मापदंड को पूरा नहीं किया। इसको लेकर बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा है कि स्कूलों की मान्यता को निलंबित किया गया है वे स्कूल निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं कर रहे थे।
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनन्द किशोर के अनुसार, वे सभी स्कूल जिनकी मान्यता रद्द कर दी गई है, उन्हें फिर से एक मौका दिया जाएगा। अगर दी गई तारीख से पहले स्कूलों ने अपनी हालत सुधार ली तो उन्हें फिर से मान्यता दे दी जाएगी, लेकिन इसके लिए स्कूलों को दिए गए मापदंड को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों की अगर संबद्धता रद्द होती है तो ऐसी स्थिति में इन सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के स्कूलों में समाहित किया जाएगा। वहीं जो विद्यार्थी इन स्कूलो से बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, उन्हें उसी स्कूल के माध्यम से एडमिट कार्ड, रजिस्ट्रेशन कार्ड और तमाम जरूरी कागजात उपलब्ध कराए जाएंगे।
कहां आ रही थी दिक्कत
किसी स्कूल में कक्षाओं की कमी है तो कहीं पर शिक्षक ही नहीं हैं। वहीं कई स्कूलों ने जांच कार्य में सहयोग नहीं किया है। इन सभी स्कूलों की जांच शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने की थी। अधिकारियों की रिपोर्ट पर ही बिहार बोर्ड से संबद्धता प्राप्त प्रदेश के 446 स्कूलों की संबद्धता निलंबित कर दी गई है।
इसमें 439 माध्यमिक और 7 उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। आनंद किशोर ने आगे कहा कि इन सभी स्कूलों को समय दिया गया है कि वह समय सीमा के अंदर मानक के अनुरूप विद्यालय को तैयार कर लें, अगर दी गई समय तक मानक पूरा नहीं होता है तो मान्यता रद्द करने पर भी विचार किया जाएगा।
अधिकारियों की रिपोर्ट पर ही बिहार बोर्ड से संबद्धता प्राप्त प्रदेश के 446 स्कूलों की संबद्धता निलंबित कर दी गई है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा है कि इन सभी स्कूलों को समय दिया गया है कि वह समय सीमा के अंदर मानक के अनुरूप विद्यालय को तैयार कर लें, अगर इसके बाद भी स्कूलों को मानक के अनुरूप तैयार नहीं किया जाता है तो स्कूलों की संबद्धता को रद्द करने पर भी विचार किया जाएगा।