तेजस्वी यादव का बिहार के प्रिंट मीडिया पर हमला: “सरकारी विज्ञापन के लालच में पत्रकारिता धर्म भूले अखबार” कहा- बिहार के अखबार पत्रकारिता धर्म भूल चुके हैं। कई बार हमने प्रिंट मीडिया से अनुनय-विनय किया कि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी, प्रमुख विपक्षी दल एवं विपक्षी नेताओं को सरकार के जनविरोधी निर्णयों एवं जनहित के ज्वलंत मुद्दों पर जगह मिलनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से सरकार के विज्ञापनों पर चलने और पलने वाले ये अख़बार सत्ताधारी दलों के चिंटू-पिंटू प्रवक्ताओं के व्यक्तव्यों से पेज भर देते है।@पटना,देशज टाइम्स
तेजस्वी ने कहा-अब बहुत हो चुका!
कमाल की बात यह है कि नेता प्रतिपक्ष के जिन सवालों के जवाब में सत्ताधारी प्रवक्ताओं की प्रतिक्रिया को छापा जाता है उसमें नेता प्रतिपक्ष के वो सवाल भी नहीं छपते? अब बहुत हो चुका! हमारी विचारधारा को मानने वाले करोड़ों न्यायप्रिय संविधान प्रेमी लोग बिहार में है जो मीडिया के विशुद्ध व्यापार आधारित पक्षपाती रवैये से आहत है।@पटना,देशज टाइम्स
जनता अब अपने पैसे से अख़बार खरीद कर धनपशुओं की तिजोरी नहीं भरेगी
अब सुधार ना होने की स्थिति में सबका नाम लेकर बायकॉट किया जाएगा। जनता अब अपने पैसे से अख़बार खरीद कर धनपशुओं की तिजोरी नहीं भरेगी। इनकी विश्वसनीयता खतरे में है। इन अखबारों के एकपक्षीय व्यवहार और अलोकतांत्रिक चरित्र को भी हम याद रखेंगे।@पटना,देशज टाइम्स
मुख्य तथ्य:– “जनता अब ऐसे मीडिया संस्थानों का बहिष्कार करेगी
तेजस्वी यादव ने बिहार के अखबारों पर पक्षपात और सत्ता की चापलूसी का आरोप लगाया। कहा, “विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है, सत्ता के प्रवक्ताओं को अधिक कवरेज।” चेतावनी दी – “जनता अब ऐसे मीडिया संस्थानों का बहिष्कार करेगी। “मीडिया के “अलोकतांत्रिक रवैये” को बताया लोकतंत्र के लिए ख़तरा। भविष्य में मीडिया के खिलाफ आंदोलन और जनजागरूकता की ओर संकेत।@पटना,देशज टाइम्स
“सरकारी विज्ञापनों के लालच में पत्रकारिता का ‘धर्मनष्ट’
पटना, देशज टाइम्स। बिहार के नेता प्रतिपक्ष और RJD नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर राज्य के प्रमुख अखबारों और प्रिंट मीडिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “सरकारी विज्ञापनों के लालच में पत्रकारिता के मूल कर्तव्यों को भूल गए हैं ये अखबार।”
“विपक्ष को जगह नहीं, सत्ता के प्रवक्ताओं को तवज्जो” — तेजस्वी का आरोप
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि “राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के बावजूद मीडिया हमें उचित कवरेज नहीं देता।“”सत्तारूढ़ दल के छोटे प्रवक्ताओं के बयानों को हेडलाइन बनाकर छापा जाता है, लेकिन विपक्ष के सवालों को दबा दिया जाता है।“
बिहार के अखबार पत्रकारिता धर्म भूल चुके है। कई बार हमने प्रिंट मीडिया से अनुनय-विनय किया कि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी, प्रमुख विपक्षी दल एवं विपक्षी नेताओं को सरकार के जनविरोधी निर्णयों एवं जनहित के ज्वलंत मुद्दों पर जगह मिलनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से सरकार के विज्ञापनों पर चलने… pic.twitter.com/ZQzsX0QOdK
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 5, 2025
उन्होंने मीडिया से कई बार आग्रह किया कि RJD की बातों को जगह दी जाए, लेकिन “सरकारी विज्ञापन” की dependency के कारण पत्रकारिता धर्म खत्म हो गया है।
“जनता अब ऐसे अखबारों को बायकॉट करेगी” — तेजस्वी की चेतावनी
तेजस्वी ने कहा, “अब बहुत हो चुका।” अगर मीडिया का रवैया नहीं बदला, तो “जनता ऐसे अखबारों को खरीदना बंद कर देगी जो सिर्फ सत्ता की चापलूसी करते हैं।”उन्होंने कहा, “हमारे समर्थक और न्यायप्रिय लोग यह पक्षपात अब और नहीं सहेंगे।“
“एकपक्षीय मीडिया लोकतंत्र के लिए खतरा”
तेजस्वी ने कहा कि मीडिया का एकतरफा व्यवहार लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।उन्होंने इसे “अलोकतांत्रिक चरित्र” बताते हुए कहा कि “भविष्य में इस मुद्दे को और भी ज़ोरदार तरीके से उठाया जाएगा।”उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रेस की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।