पटना, देशज टाइम्स। नवीनतम शोध को मूर्त रूप देने के लिए पटना में कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगा है। संस्थान अनुसंधान परिषद की चार दिवसीय बैठक में भूमि और जल ससांधनों के प्रबंधन, खाद्यान्न, बागवानी, मात्स्यिकी, पशुधन और कुक्कुट, कृषि प्रसंस्करण तथा सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर चल रहे अनुसंधान कार्यों पर विमर्श किया गया।
जानकारी के अनुसार, पटना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर में चार दिवसीय संस्थान अनुसंधान परिषद की बैठक का श्रीगणेश हुआ। संस्थान के निदेशक डॉ.अनुप दास की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गई।
बैठक की शुरुआत डॉ. अभय कुमार, प्रभारी, पीएमई प्रकोष्ठ के स्वागत भाषण से शुरू हुई। इसके बाद डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक ने संस्थान में प्रगतिशील परियोजनाओं से संबंधित कार्रवाई पर एक प्रस्तुति दी। इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मुख्यालय, नई दिल्ली से डॉ. राजबीर सिंह, सहायक महानिदेशक (सस्य विज्ञान, कृषि वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन) भी आभासी माध्यम से इस बैठक में जुड़े रहे।
अटारी, पटना के निदेशक डॉ.अंजनी कुमार ने भी इस बैठक में अपने विचार व्यक्त किए। बैठक के दौरान विभिन्न केंद्रों के अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं 70 से अधिक वैज्ञानिकों ने आगामी शोध की दशा और दिशा तय करने के लिए अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
वहीं, रांची अवस्थित संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र, पटना मुख्यालय के फसल अनुसंधान प्रभाग, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग, अग्रिन्नोवेट इंडिया, नई दिल्ली; पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन प्रभाग, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग के प्रगतिशील परियोजनाओं के प्रधान अन्वेषकों, सह-प्रधान अन्वेषकों की ओर से प्रस्तुति दी गई।
जानकारी के अनुसार, यह संस्थान पूर्वी क्षेत्र के लिए भूमि और जल ससांधनों के प्रबंधन, खाद्यान्न, बागवानी, मात्स्यिकी, पशुधन और कुक्कुट, कृषि प्रसंस्करण तथा सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर अनुसंधान कार्य करा रहा है। इसमें संस्थान मुख्यालय सहित इसके रांची, रामगढ़ और बक्सर अवस्थित अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकगण भाग ले रहे हैं।
इसमें प्रगतिशील परियोजनाओं पर समीक्षा की जाएगी। नए शामिल किए जाने वाले परियोजनाओं पर रणनीति बनाई जाएगी। डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक की ओर से धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक का समापन हुआ।