दरभंगा जिले के जाले प्रखंड अंतर्गत राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला गांव में मोहर्रम पर्व के दौरान तजिया मिलान के समय दरभंगा और सीतामढ़ी जिलों के दो अखाड़ों के बीच झड़प हो गई।
इस टकराव में पत्थरबाजी हुई, जिसमें लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
घायलों को भेजा गया सीएचसी, स्थिति नियंत्रण में
पत्थरबाजी की सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल के नेतृत्व में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षों के अखाड़ों को शांत कराया और घायलों को जाले स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) भेजा गया।
घायल युवकों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
प्रशासनिक सतर्कता के बीच शांतिपूर्वक मना मोहर्रम
घटना के बावजूद प्रशासनिक चौकसी के बीच रविवार को मोहर्रम पर्व शांतिपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर एसडीपीओ सदर टू एस.के सुमन, कमतौल पुलिस निरीक्षक सरेश कुमार राम, थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल सहित पुलिस बल तैनात रहा।
नगर परिषद क्षेत्र के सभी पांच अखाड़ों ने थाना परिसर में पहुंचकर करतबों का प्रदर्शन किया। पुलिस की निगरानी में यह आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
सुन्नी और सिया समुदाय की परंपराओं का अद्भुत दृश्य
मोहर्रम के दौरान धार्मिक भावनाओं की गहराई देखी गई:
सुन्नी समुदाय के बहुसंख्यक युवाओं ने परंपरागत हथियारों से करतब दिखाए।
वहीं सिया समुदाय के लोग, विशेषकर कछुआ पंचायत के बड़ी मलिकपुर और रतनपुर पंचायत के कलवारा गांव के श्रद्धालुओं ने हुसैन की शहादत पर मातम किया।
वे छाती पीटते हुए कर्बला मैदान पहुंचे और वहां गम और शोक का माहौल देखा गया। यह दृश्य धार्मिक एकता और परंपरा की मिसाल बना।
स्थानीय तनाव की वजह बनी पहचान की समानता
राढ़ी पश्चिमी पंचायत का पकटोला गांव और सीतामढ़ी जिला का पकटोला गांव, नाम की समानता के कारण अक्सर एक ही अखाड़ा समझ लिया जाता है, लेकिन दोनों क्षेत्रों की सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा और अलग पहचान के कारण तजिया मिलान के दौरान आपसी तनाव उत्पन्न हो गया।
इस वर्ष यह तनाव झड़प और पत्थरबाजी में बदल गया, जिससे पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पुलिस का सतर्क रवैया, आगे की कार्रवाई संभव
पुलिस ने तत्काल भीड़ को नियंत्रित किया और घटना को स्थानीय विवाद करार दिया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार आगे दोनों पक्षों के विरुद्ध शांति भंग, उपद्रव और चोट पहुंचाने जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हो सकती है।
थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल ने बताया:
“स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। दोनों पक्षों को शांत कर दिया गया है, और मेडिकल सहायता दी जा रही है।”
निष्कर्ष: परंपरा के नाम पर टकराव दुर्भाग्यपूर्ण
मोहर्रम, जो त्याग, बलिदान और शांति का प्रतीक है, उस दौरान ऐसे टकराव सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रशासन को चाहिए कि:
अखाड़ों की गतिविधियों को समन्वित करें
आपसी संवाद के ज़रिए ऐसे विवाद टालें
धार्मिक पर्वों को सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराएं