

दरभंगा। समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन (DM Rajeev Roshan) की अध्यक्षता में कोविड-19 से सुरक्षा व बचाव (COVID-19 Vaccination) के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की समीक्षा की गई।
इसके अंतर्गत 15 से 18 आयुवर्ग, फ्रंट लाईन वर्कर, हेल्थ केयर वर्कर एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के टीकाकरण कार्य की प्रगति की समीक्षा प्रखंडवार की गयी।
समीक्षा के क्रम में न्यूनतम प्रगति वाले प्रखंड यथा, जाले, बेनीपुर, हनुमाननगर, केवटी एवं मनीगाछी सहित उन सभी प्रखंडों से जिनकी उपलब्धि 60 प्रतिशत् से कम रही है, से जबाब-तलब किया गया।

उनके दिये गये तर्क को जिलाधिकारी श्री रौशन की ओर से नाकाफी मानते हुए बताया गया कि इन प्रखंडों में पूरे मनोयोग से काम नही किया जा रहा है तथा लोगों में जागरूकता की कमी है।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कोविड का एक टीका ले चुका है, उसे दूसरे खुराक की टीका लेने में कोई संकोच नहीं हो सकता। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अपने आशा, ममता एवं आशा फेसलिटेटर एवं टीका टाइगर एक्सप्रेस को लगाने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रखण्ड स्तरीय नियंत्रण कक्ष से ड्यू लिस्ट के लाभार्थियों को कॉल कर टीका लेने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही टीका दल पूर्वाह्न 09ः00 बजे अपने-अपने क्षेत्र में उपस्थित रहें, यदि लाभार्थी लाईन में है, तो टीका देने के उपरान्त ही शाम में अपना स्थान छोड़ें।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव का एक ही विकल्प है- टीकाकरण, यदि हम टीकाकृत नहीं होते, तो तीसरी लहर में भारी नुकसान होता। टीका के कारण ही तीसरी लहर नुकसानदेह नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सहयोग प्राप्त करें। यदि कोई जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र को पूर्णतः टीकाकृत करा देते हैं, और इसका वे दावा करते हैं, तो जांच दल भेजकर जांच करवा ली जाएगी और सही पाए जाने पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंट लाईन वर्कर जब तक प्रिकॉशनेरी डोज का टीका नहीं लेते हैं, तब तक उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जाना है। यदि कोई निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है, तो फिर उनके वेतन पर रोक लगायी जाएगी।
उन्होंने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को प्रिकॉशनेरी डोज के लिए टीकाकरण के लिए डीएमसीएच एवं शहरी क्षेत्र के निजी अस्पतालों के लिए अलग से अभियान चलाने का निर्देश दिया साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को अपने-अपने क्षेत्र के निजी अस्पतालों के लिए एक अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।
न्यूनतम प्रगति वाले प्रखंडों को चेतावनी देते हुए उन्होंने 01 सप्ताह का समय दिया गया और कहा कि अगर 01 सप्ताह में वांछित प्रगति नहीं होती है, तो कार्रवाई करने के लिए हम बाध्य होगें।
बैठक में उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्र, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, वरीय उप समाहर्त्ता सत्यम सहाय, जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमण, पी.डी. (आत्मा) पूर्णेन्दु नाथ झा, जिला प्रोग्राम पदाधिकरी (आईसीडीएस) डॉ. रश्मि वर्मा, डीपीएम (मध्याह्न भोजन) संजय देव कन्हैया, डीपीएम. (हेल्थ) विशाल कुमार, यूनिसेफ के डॉ. शशिकान्त सिंह, केयर इंडिया के जिला समन्वयक डॉ. श्रद्धा झा एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे। वहीं सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ऑनलाईन जुड़े हुए थे।









You must be logged in to post a comment.