बिहार में भूमाफिया और बेनामी संपत्ति मालिकों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया तेज हो गई है। आयकर विभाग ने ऐसे 5200 से अधिक व्यक्तियों की सूची तैयार की है, जिनके पास बेनामी संपत्तियां हैं या जो भूमाफिया गतिविधियों में शामिल हैं। इन सभी को जल्द नोटिस जारी किया जाएगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
5200 से अधिक लोगों पर नजर
आयकर महानिदेशालय के खुफिया और आपराधिक जांच विभाग ने दरभंगा, फारबिसगंज, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, किशनगंज और झारखंड के विभिन्न शहरों का विस्तृत डाटा तैयार किया है।
- दरभंगा सूची में सबसे ऊपर है, जहां भूमाफिया और बेनामी संपत्ति मालिकों की संख्या अन्य शहरों से अधिक है।
- जिले के निबंधन कार्यालय से डाटा लेकर जांच आगे बढ़ाई गई है।
भूमाफिया के फर्जीवाड़े के तरीके
- जमीन की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी:
- सस्ती जमीन खरीदकर ऊंचे दाम पर बेचना।
- भूमि मालिक से डीड (Deed) बनाकर रखना।
- सर्किल दर में हेरफेर:
- वाणिज्य भूमि को सामान्य भूमि दिखाकर कम कीमत पर निबंधन।
- सर्किल दर से कम मूल्य दिखाकर टैक्स चोरी।
- फर्जी नामों का उपयोग:
- पत्नी, बच्चों या रिश्तेदारों के नाम से रजिस्ट्री कराना।
- इनका उल्लेख आयकर रिटर्न (ITR) में न करना।
30 लाख से अधिक की लेन-देन में गड़बड़ियां
- आयकर विभाग को 30 लाख से अधिक की खरीद-बिक्री की सूचना नहीं दी जा रही।
- संबंधित लिपिकों और कर्मचारियों को चिह्नित किया गया है।
- कुछ कर्मी जमीन के नेचर को बदलकर सर्किल रेट से कम में रजिस्ट्री कराने में मदद कर रहे हैं।
गुंडा बैंक और बेनामी संपत्तियां
2022 में पटना हाईकोर्ट के आदेश पर दरभंगा और सीमांचल में गुंडा बैंक पर कार्रवाई के दौरान बेनामी संपत्तियों और भूमाफिया के मामले उजागर हुए।
- कटिहार के ट्रिपल मर्डर केस (2020) की सुनवाई में यह सामने आया कि सूदखोर जरूरतमंदों से उनकी जमीन लिखवा रहे थे।
- इसके बाद आयकर विभाग ने भूमाफिया और बेनामी संपत्तियों की जांच तेज की।
आयकर विभाग की कार्रवाई के मुख्य बिंदु
- संपत्तियों के स्रोत की जानकारी मांगी जाएगी।
- संतोषजनक उत्तर न मिलने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
- निबंधन कार्यालय के कर्मियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
दरभंगा पर विशेष फोकस
दरभंगा में भूमाफिया की गतिविधियां सबसे अधिक होने के कारण यहां विशेष जांच की जा रही है।
- जमीन की खरीद-फरोख्त में औने-पौने दाम और टैक्स चोरी के मामले अधिक हैं।
- स्थानीय निबंधन कार्यालय के कर्मी भी रडार पर हैं।
निष्कर्ष
आयकर विभाग का यह कदम भूमाफिया गतिविधियों और टैक्स चोरी पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पारदर्शिता बढ़ाने और राजस्व की वृद्धि के लिए यह कार्रवाई मील का पत्थर साबित हो सकती है।