अप्रैल,29,2024
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दरभंगा संस्कृत विवि में दांपत्य सुख पर विमर्श, शास्त्रोक्त रीति से कुंडली मिलाप, विवाह के लिए उचित वर-कन्या निर्धारण के व्यवहारिक पक्षों पर मंथन

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दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंङ्गा संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से गुरुवार को स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग में दाम्पत्य सुख विमर्शः विषय पर राष्ट्रीय व्याख्यान का गूगल मीट से आनलाइन आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में पूर्व स्नातकोत्तर ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. शिवाकान्त झा उपस्थित थे। मुख्य वक्ता के रूप में केन्द्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. मदन मोहन पाठक  थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ 12 बजकर 30 मिनट पर हुआ।

इसमें मंगला चरण विभागीय छात्रों राजकुमार तिवारी तथा दीपक कुमार झा ने किया। विषय का प्रतिपादन करते हुए मुख्य वक्ता ने ज्योतिष शास्त्र में वर्णित दाम्पत्य सुख के मूल बिन्दुओं का सांगोपांग विवेचन किया।  इस क्रम में गृहस्थ आश्रम की महत्ता, विवाह के लिए उचित लग्न का निर्धारण, विवाह से सम्बन्धित शास्त्रीय एवं व्यावहारिक पक्षों का विशद रूप से वर्णन किया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. शिवाकान्त झा ने इस विषय को प्रासंगिक एवं समसामियक बताया। साथ ही अनुकूल दाम्पत्य जीवन के लिए शास्त्रोक्त रीति से कुण्डली मेलापक, विवाह के लिए उचित वर एवं कन्या का निर्धारण इत्यादि विषयों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।

इस क्रम में स्वच्छन्द विवाह की प्रक्रिया को उन्होंने भारतीय परम्परा के विरुद्ध बताया। इसके पूर्व  ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. कुलानन्द झा जी ने अतिथियों का वाचिक स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वरुण कुमार झा ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास ने किया।दरभंगा संस्कृत विवि में दांपत्य सुख पर विमर्श, शास्त्रोक्त रीति से कुंडली मिलाप, विवाह के लिए उचित वर-कन्या निर्धारण के व्यवहारिक पक्षों पर मंथन

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