मई,5,2024
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#EDUCATIONSTORM : दरभंगा के 350 पंजीकृत निजी स्कूलों में 90 फीसद बंद होने के कगार पर

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दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। यह शिक्षा व समाज की तालीम के लिए दु:ख से मर्माहत करने वाली खबर है, किंतु सत्य है। दरभंगा जिले के लगभग 350 पंजीकृत निजी विद्यालयों में से 90 फ़ीसद विद्यालय अब बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं।

 

जानकारी के अनुसार, निजी विद्यालयों में करीब दो लाख छात्र पढ़ते हैं। इन पर लगभग 10 हजार शिक्षक व अन्य कर्मियों का परिवार आश्रित है। देखते हैं, आखिर ऐसा कैसे हुआ कि चार महीनें में पूरी व्यवस्था चरमरा गई। ( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

यूं तो पूरे देश में लॉकडाउन की शुरुआत 23 मार्च को हुई। पर, निजी विद्यालयों को 13 मार्च से ही बंद करने का आदेश था। विद्यालयों में वार्षिक परीक्षाओं की शुरुआत भी नहीं हो सकी थी। ( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic)

 

एक निजी विद्यालय के निदेशक बताते हैं, हर साल लगभग 30 से 40 फ़ीसदी छात्रों की कम से कम तीन महीनों की फीस बकाया होती है; जिन का भुगतान वार्षिक परीक्षा के दौरान ही हो पाता है। चूकि इस साल वार्षिक परीक्षाएं भी नहीं हुई तो यह फीस भी नहीं मिल सकी।( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

 

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अप्रैल महीने में जब नया सत्र शुरू हुआ तो करीब सौ विद्यालयों ने ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की जबकि सौ से भी अधिक विद्यालयों ने व्हाट्सएप और यूट्यूब के माध्यम से अध्याय आधारित वीडियो के जरिए पठन-पाठन का कार्य जारी रखने का प्रयास किया, लेकिन कोरोना की आर्थिक चोट ऐसी थी, पूरे अप्रैल में किसी विद्यालय को कोई फीस नहीं मिली।( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

 

नतीजा यह हुआ, दस फ़ीसद स्कूल ही अपने अपने शिक्षकों को मार्च के पूरे वेतन का भुगतान कर पाए. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार अप्रैल का पूरा वेतन देने वाले विद्यालय गिन कर लगभग दस ही रह गए। मई में यह संख्या घटकर दो हो गई। जून का अंत होते-होते किराया, लोन किस्त और कर्मियों के वेतन का भाड़ इतना बढ़ गया कि 300 से भी अधिक स्कूलों ने वेतन को पूरी तरह बंद कर दिया।(Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

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गोपनीयता की शर्त पर एक निजी विद्यालय संचालक बताते हैं, अगर शहर के पांच सात बड़े विद्यालयों को छोड़ दें तो अन्य स्कूलों के 90 फ़ीसदी अभिभावकों ने पिछले 4 महीनों से स्कूलों को एक पैसा तक नहीं दिया है। अधिकतर स्कूलों में ऑनलाइन क्लास और वीडियो भी थम गए।( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

फीस तो पहले ही रुक चुकी थी। स्कूली छात्रों की पढ़ाई में लय का बहुत महत्व है। लय टूट चुका है। पढ़ाई अधिकतर जगह थम चुकी है। कोर्ट ने फरमान दे दिया, फीस तो देनी ही होगी। पर यह कैसे और कब तक संभव होगा इसका कोई उत्तर नहीं है।

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शिक्षक और अन्य कर्मियों के आंशिक वेतन भी बंद होने की कगार पर हैं। गिनकर कुल 10 से भी कम विद्यालय हैं जहां नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। यह भी कब तक चल पाएंगी-सवाल बड़ा है जवाब कहीं नहीं।( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

संभव है, कुछ विद्यालय जो तात्कालिक रूप से बंद हैं; वे कोरोना काल के बाद फिर से चल पड़ेंगे. लेकिन इस दौरान क्या होगा उन छात्रों का और क्या होगा उन शिक्षकों और कर्मियों के परिवारों का?( Darbhanga Private Schools on the verge of closer due to-pandemic )

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