दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल के बारे में अखबारों से लेकर हर जगह बड़ी बड़ी बातें लिखी गई। दशकों से लिखी जाती रहीं हैं मगर, यहां का सिस्टम है कि उसी ढ़र्रे पर है जहां से लाइफ लाइन की बात (Oxygen coming out from Darbhanga DMCH plant is not suitable for patients) करना बेमानी लगता है।
अब ताजा मामला अस्पताल डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग में लगे ऑक्सीजन पीएसए प्लांट से जुड़ा है जहां से निकलने वाला यानि प्लांट से निकल रहा ऑक्सीजन गैस मरीजों को देने लायक नहीं है। बताया यही गया है कि ऑक्सीजन गैस गुणवत्तापूर्ण नहीं निकल रहा है। यह खबर अस्पताल प्रशासन को सकते में डाल दिया है। हड़ंकंप मचा है। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार,इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग के ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के ठप रहने के चलते वहां ऑक्सीजन सिलेंडरों के माध्यम से मरीजों को आपूर्ति की जा रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद के लिए हर माह अस्पताल प्रशासन को लाखों की राशि खर्च करनी पड़ रही है।
मेंटेनेंस के अभाव में तीनों प्लांट महीनों से ठप पड़े हुए हैं। मेनटेंस के लिए निर्धारित एजेंसियों की ओर से भारी-भरकम राशि की मांग की जा रही है। एजेंसी 75 प्रतिशत राशि अग्रिम मांग रही है।
ऑक्सीजन की प्योरिटी सहित कई अन्य बिंदुओं पर जांच के लिए लगातार छह घंटे तक उन्हें चलाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि तीनों प्लांट को रोक-रोककर चलाने के बावजूद वहां से जेनरेट होने वाली ऑक्सीजन की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं रहने से उन्हें निर्धारित अवधि से पूर्व ही बंद कर दिया गया।
इस संबंध में डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्लांट तो चल रहा है। लेकिन जेनरेट हो रही ऑक्सीजन फिलहाल मरीजों के उपयोग लायक नहीं है। प्लांट के मेंटेनेंस के लिए बीएमएसआईसीएल से कई बार अनुरोध किया जा चुका है।अस्पताल प्रशासन की ओर से प्लांट की मेंटेनेंस के लिए बीएमएसआईसीएल से कई बार अनुरोध कर चुका है।