बिहार में अब दरभंगा समेत भागलपुर और अन्य जिलों में शेड्यूल एच ड्रग की बिक्री को लेकर ड्रग विभाग छापेमारी करेगा। शेड्यूल एच ड्रग की दवाओं को बिना पर्ची बेचना प्रतिबंधित है। दवाओं को बेचने का विस्तृत ब्योरा रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य है।
शेड्यूल एच ड्रग की दवाओं की बिक्री को लेकर बनाए गए नियम का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे दुकानदारों को चिह्नित किया जा रहा है। फिर उनकी दुकानों पर छापेमारी की जाएगी। पुष्टि होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शेड्यूल एत की दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह या डॉक्टर की बिना पर्ची के नहीं खरीदा जा सकता है, क्योंकि इन दवाओं की खुराक का निर्धारण खुद डॉक्टर करते हैं। अगर आप बिना डॉक्टरी सलाह के इनका सेवन लंबे समय तक करते हैं, तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और कभी-कभी तो जान का भी खतरा रहता है।
शेड्यूल एच में 536 और एच 1 में 46 दवाएं शामिल है। जिन्हें बिना डॉक्टर के पर्चे के फार्मासिस्ट बेच नहीं सकते हैं। शेड्यूल H दवाओं के लेबल पर ‘Rx’ लिखा होता है और लाल अक्षरो में चेतावनी भी लिखी होती है। इन दवाओं का सेवन नशे के तौर पर भी किया जाता है।
वही शेड्यूल X नारकोटिक और साइक्लॉजिकल दवाएं आती है, जो अत्यंत प्रभावी और नशीली भी होती है। ये दवाएं सीधे दिमाग पर प्रभाव करती है, जिसके चलते गलत खुराक व ओवेरडोज़ के कारण यह घातक भी साबित हो सकती है। शेड्यूल X दवाएं खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है, जिसकी कॉपी विक्रेता को 2 सालों तक संभाल के रखनी होती है।
शेड्यूल एच में 500 से भी अधिक दवाएं हैं। एजिथ्रोमाइसिन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाएं शेड्यूल एच में ही आती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो शेड्यूल एच दवाओं के लेबल पर Rx लिखा होता है और उसके साथ ही इस्तेमाल को लेकर चेतावनी भी लिखी होती है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि शेड्यूल एच1 दवा में तीसरे और चौथे जेनेरेशन की एंटीबायोटिक्स, एंटी-ट्यूबरकुलोसिस और साइकोट्रोपिक ड्रग्स जैसी नशीली और आदत बनाने वाली दवाएं शामिल हैं। ऐसी दवाओं को खरीदने के लिए भी डॉक्टर की पर्ची जरूरी है।
भागलपुर के अपर औषधि नियंत्रक भागलपुर सुभाष राय ने बताया कि शेड्यूल एच ड्रग की दवाओं की बिक्री को लेकर बनाए गए नियम का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे दुकानदारों को चिह्नित किया जा रहा है। फिर उनकी दुकानों पर छापेमारी की जाएगी। पुष्टि होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।