बिहार के इनकम टैक्स (Income Tax) डिपार्टमेंट से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने बिहार के 68 विधायकों (Bihar MLA) समेत 250 से अधिक प्रत्याशियों को नोटिस (Income tax department sent notice to 68 mla of bihar) भेजा है।
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग द्वारा इन 68 विधायकों और 250 से ज्यादा प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान संपत्ति की गलत जानकारी देने के कारण नोटिस तलब किया है।
चुनाव आयोग की ओर से शुरुआती जांच में इस मामले में गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद अब आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए सभी को नोटिस जारी कर दिया गया है।
आयकर विभाग ने बिहार के 68 विधायकों समेत 250 से ज्यादा उम्मीदवारों को नोटिस भेजी है। आयकर विभाग को इन लोगों द्वारा चुनाव के दौरान संपत्ति की गलत जानकारी देने की बात पता चली है।
चुनाव आयोग ने शुरुआती जांच में इस मामले में गड़बड़ी पाई थी। अब आगे की कार्रवाई करते हुए आयोग ने आयकर विभाग से मदद मांगी है। जिन लोगों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नोटिस मिली है, उन्हें नवंबर के आखिर तक जवाब देना है।
संपत्ति का ब्योरा गलत देने के मामले में गड़बड़ी की मात्रा, तरीके और इसकी गंभीरता के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। शुरुआती जांच में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। ज्यादातर मामले संपत्ति का गलत ब्योरा देने से संबंधित बताए जाते हैं यानी इन लोगों ने चुनाव आयोग से अपनी संपत्ति छुपाई।
कई उम्मीदवारों ने हलफनामे में कई चल-अचल संपत्ति की चर्चा नहीं की है, जबकि कुछ ने इनकम टैक्स रिटर्न में जिन संपत्तियों को बताया, उसे अपने हलफनामे में दर्ज नहीं किया।
ऐसा करने वालों से आयकर विभाग पूछताछ कर सकता है। उनसे इसकी वजह पूछी जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि जांच की लाइनें बहुत आगे भी बढ़ जाएं। वाजिब या संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई तय भी होगी। कुछ मामले पैन कार्ड की जानकारी नहीं देने को लेकर भी सामने आये हैं।
इस मामले में पहले चुनाव आयोग और अब आयकर विभाग ने अपने स्तर से जांच में कई तरीके अपनाए। हलफनामा में दी गई संपत्ति के ब्योरे को संबंधित उम्मीदवार के ऐसे पिछले दस्तावेज या रिटर्न से मिलान किया गया। पैन कार्ड नहीं देने वालों से इसका कारण पूछा गया है। इस महीने के आखिर तक नोटिस का जवाब देना है। नोटिस का जवाब और इस बारे में आयकर विभाग की कार्रवाई से जुड़ी सिफारिश के आधार चुनाव आयोग अंतिम कार्रवाई के लिए अधिकृत है।
ऐसे सभी लोगों को नवंबर के आखिरी सप्ताह तक जवाब दे देना होगा। अपनी संपत्ति का ब्यौरा गलत तरीके से देने के मामले में गड़बड़ी की मात्रा तरीके और गंभीरता के हिसाब से आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होनी है।
शुरुआती जांच में कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है. अधिकांश मामले संपत्ति की गलत जानकारी देने से संबंधित हैं जबकि चुनाव आयोग ने पहले ही आगाह किया था कि सभी प्रत्याशी अपनी संपत्ति का स्पष्ट ब्यौरा देंगे। कई उम्मीदवारों द्वारा अपनी चल अचल संपत्ति की चर्चा तक नहीं की गई है जबकि कुछ प्रत्याशियों ने इनकम टैक्स रिटर्न में आपने जिन संपत्तियों की जानकारी दी है उसे अपने हलफनामे में दर्ज तक नहीं किया है।
चुनाव आयोग ने हलफनामे में गड़बड़ी की आशंका जताई थी जिसके बाद प्रराम्भित जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। चुनाव आयोग ने आगे की कार्रवाई के लिए आयकर विभाग को जांच सौंपी थी।
विधानसभा चुनाव के लिए अहर उम्मीदवार को को अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी चुनाव आयोग को हलफनामे के रूप में देनी होती है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के ढाई सौ से ज्यादा उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव आयोग से ही आंख-मिचोली खेलने का मन बनाया और अपनी संपत्ति की जानकारी चुनाव आयोग से छिपा ली।
विभाग की कार्रवाई में पता चला है कि इन ढाई सौ उम्मीदवारों ने अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी छुपाई थी जिनमें 68 मौजूदा विधायक भी हैं। चुनाव आयोग को शक होने पर उन्होंने उनके पुराने रिकॉर्ड से जानकारी का मिलान किया था जिसके बाद यह खुलासा सामने आया।