मधुबनी। नगर निगम अध्यक्ष सुनैना देवी एवं उपाध्यक्ष वारिस अंसारी के खिलाफ तीसरी बार अविश्वास व्यक्त करते हुए वार्ड पार्षदों द्वारा दिए गए आवेदन पर कानून का ब्रेक लग गया है। फिलहाल प्रावधान के अनुसार अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पार्षद पर अविश्वास का प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रावधान के अनुसार उत्क्रमित नगर निकाय में अधिसूचना के छह माह तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। नगरपालिका प्रशासन निदेशालय के उप निदेशक बुद्ध प्रकाश ने उत्क्रमित नगर निकाय में लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में अपना आदेश दिया है।
जिसमें बताया गया है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा के प्रावधाान लागू होता है। जिसके आलोक में उत्क्रमित नगर निकाय स्थानीय प्राधिकार अधिसूचना जारी होने से छह माह तक अपना काम करता रहेगा। इसके अनुसार नगर पालिका के इन छह माह की अवधि के बीच अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
उन्होंने आदेश में बताया है कि छह माह की अवधि तक अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना विधि सम्मत नहीं है। नगर उपायुक्त अरुण कुमार ने बताया कि विभाग से जारी पत्र की जानकारी मिली है। जो अन्य निकाय के परिप्रेक्ष्य में भी जारी हो चुका है। जिसके आलोक में फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
अध्यक्ष द्वारा जब पत्र दिया जायेगा,तो उसपर निर्णय लिया जायेगा। मालूम हो कि नगर निगम में 29 में से 17 वार्ड पार्षदों ने अपना अविश्वास व्यक्त करते हुए बहस के लिए बैठक बुलाने की मांग की थी। उन्होंने सशक्त स्थायी समिति से पारित जनहित के निर्णय पर अमल नहीं किए जाने को मुद्दा बनाया है।
आवेदन में बताया गया है कि समिति से पारित प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इसलिए अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास व्यक्त किया जा रहा है। इधर अविश्वास प्रस्ताव लाए जाए वाले टीम का नेतृत्व करने वाले सशक्त स्थायी समिति सदस्य मनीष कुमार सिंह ने बताया कि वे प्रावधान एवं कानून में हमेशा विश्वास रखा है।
बताया कि नगर का विकास एवं वार्ड पार्षदों के मान सम्मान के लिए वे हमेशा संघर्ष किए हैं। तथा आगे भी करते रहेंगे। मालूम हो कि लाए गए अविश्वास के आवेदन पर मनीष कुमार सिंह,जयशंकर साह,रेखा नायक,धर्मवीर प्रसाद, सुभाष चंद्र मिश्रा,प्रभावती देवी,प्रीति चोधरी,कविता देवी,सोनाली देवी,सुरेन्द्र मंडल, कैलस साह,पूनम कुमारी,रेजा इश्तियाक अहमद,विनिता देवी,खालिद अनवर, बेनजीर खालिद एवं शबनम आरा शामिल हुए थे।
जबकि निगम अध्यक्ष सुनैना देवी एवं उपाध्यक्ष वारिस अंसारी ने बताया कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होती तो भी उनकी ही जीत होती। वे अपनी जीत के लिये आश्वस्त थे। सशक्त स्थायी समिति सदस्य उमेश प्रसाद और सुनीता पूर्वे ने बताया कि सभी पार्षदों को मतभेद भुलाकर विकास के लिए काम करना होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी-
निगम के आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि मुख्यालय से जारी पत्र के अनुसार अधिसूचना जारी होने के छह माह तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। मधुबनी नगर निगम का 26 मार्च को अधिसूचना जारी हुआ है।