मधुबनी। भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में कोविड संक्रमण सुरक्षा बचाव व रोकथाम को व्यापक व्यवस्धा की गई है।
सीमावर्ती इलाका में स्वास्थ्य कर्मियों की सिफ्ट में ड्युटी लगाई गई है। जगह-जगह जांच की व्यवस्था की गई है। बताया गया कि जिला के भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में कोविड संक्रमण को बचाव रोकथाम के लिए दोनों देशों द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है।
सीमावर्ती क्षेत्र के जयनगर, मधवापुर, साहरघाट, अंधराठाढ़ी, लदनिया इत्यादि इलाकों में भारत नेपाल सीमा के समीप दोनों देशों के बीच आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए नेपाल सुरक्षाबलों ने सीमा को सील कर दिया।
नेपाल की ओर से स्वास्थ्य कैंप लगाकर दोनों देशों से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। दोनों देशों के सुरक्षा कर्मियों ने सीमा पर सतर्कता बढ़ाई है तथा दस्तक तेज कर दी है।
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया भारत-नेपाल बॉर्डर से जुड़ाव वाले गांवों में आरटी-पीसीआर टेस्ट का अभियान चलाया जा रहा है। भारत सीमावर्ती क्षेत्र में भारत के स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर चिकित्सा दल को तैनात किया गया है। प्रत्येक आदमी की जांच की जा रही है।
सर्दी- खांसी- जुकाम या कोरोना के लक्षण देखने पर उन्हें अविलंब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आरटी- पीसीआर जांच के लिए लाया जा रहा है। उधर सीमावर्ती क्षेत्र के सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है।
शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी तथा स्टाफ को सेवा करने के लिए आदेश निर्गत किया गया है। नेपाल से सटे भारत के इलाकों में सभी रेफरल अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र ,अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
सीमावर्ती क्षेत्र में केरोना संक्रमण की बढ़ती तादाद को देखते हुए यहां पर पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध की गई है। सीएस डा झा ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ा दी गई है । जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा आम मरीजों को नहीं होने दिया जाय।