दीपक कुमार, गायघाट | गायघाट प्रखंड के शिवदाहा पंचायत अंतर्गत बठवाड़ा और जहांगीरपुर राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में छात्र-छात्राओं को तीन और दो दिनों से मध्यान भोजन (MDM) नहीं मिला। यह स्थिति ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बाद सामने आई।
Darbhanga के मदरसा में ‘ …भीख मांगती हिंदू लड़की, फिर? देखें VIDEO
View this post on Instagram
विद्यालयों की स्थिति पर छात्रों की शिकायत
जब मध्यान भोजन योजना का जायजा लिया गया, तो छात्रों ने बताया:
- बठवाड़ा स्कूल:
- तीन दिनों से भोजन नहीं बनाया गया।
- छात्र-छात्राओं ने कहा, “अंकल, हम रोज स्कूल आते हैं, लेकिन हमें भोजन नहीं मिलता।”
- जहांगीरपुर स्कूल:
- दो दिनों से गैस सिलेंडर की कमी के कारण भोजन नहीं बनाया गया।
विद्यालय प्रबंधन का पक्ष
- बठवाड़ा स्कूल के एचएम (प्रधान शिक्षक) हरिश्चंद्र मंडल ने कहा:
- “रसोईया के घर शादी होने की वजह से भोजन नहीं बन पाया।”
- जहांगीरपुर स्कूल के एचएम राम सेवक यादव ने कहा:
- “गैस सिलेंडर की उपलब्धता न होने के कारण भोजन बनाना संभव नहीं हुआ।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
- प्रखंड एमडीएम प्रभारी चंदन शर्मा:
- “मध्यान भोजन नहीं बनने की शिकायत मिली है। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
- बीईओ (प्रखंड शिक्षा अधिकारी) तारा कुमारी:
- “दोनों विद्यालयों में मध्यान भोजन की अनियमितता पर जांच होगी। स्कूल सचिव ने भी सूचना दी है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।”
मध्यान भोजन योजना की गड़बड़ी पर सवाल
यह घटना सरकार की मध्यान भोजन योजना की जमीनी स्थिति पर सवाल खड़े करती है।
- छात्रों को पोषण से वंचित करना न केवल प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है, बल्कि छात्रों की शिक्षा में बाधा का भी कारण बन सकता है।
- ऐसे मामलों में गैस सिलेंडर या रसोईया की अनुपस्थिति जैसी समस्याएं नियमित रूप से उठती हैं, जो योजना के सफल क्रियान्वयन में बड़ी बाधा हैं।
निष्कर्ष
जांच और त्वरित कार्रवाई से इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सकता है। मध्यान भोजन योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषण और शिक्षा से जोड़ना है। इसे सुनिश्चित करने के लिए बेहतर निगरानी और जिम्मेदारी तय करना आवश्यक है।