AK के बाद अब PK की New Politics, जी हां, याद कीजिए अन्ना का वो आंदोलन, मंच से कुमार विश्वास के तराने और किरण बेदी का सारगर्भित भाषण लगा मानो देश बदल रहा है। बदल क्या रहा है बदल चुका है। लोकपाल का नाम लोगों ने पहली बार सुना।
महसूसा कि लोकपाल आ जाएगा तो देश में स्वराज कायम हो जाएगा। अन्ना मतलब पूरा देश हो चुका था। लेकिन, ऐसा कुछ हुआ नहीं…हां अरविंद केजरीवाल यानी एके जरूर सामने आए। दल बनाया। आज दो प्रदेशों में सरकारें हैं। इसी तर्ज पर अब एक नया नाम उरभकर सामने आ रहा है वह है प्रशांत किशोर यानी पीके। पढ़िए पूरी खबर
कांग्रेस से बात बिगड़ने के बाद क्या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नई पार्टी का गठन करेंगे। प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद यह कयास तेज हो गए हैं। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है, अब मुद्दों और ‘जन सुराज’ के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है। लंबे वक्त से प्रशांत किशोर के कांग्रेस में जाने की चर्चा थी, मगर ऐसा हुआ नहीं।
प्रशांत किशोर ने 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया था। हालांकि, कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बात नहीं बन पाई और वे कांग्रेस में शामिल नहीं हुए पीके के ट्वीट के बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि वे नई पार्टी बना सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस में शामिल होने से इनकार के बाद से ही नई पार्टी के गठन की चर्चाएं तेज हो गई थीं, लेकिन अब पीके के ट्वीट ने इन कयासों को और हवा दे दी है।
जी हां, जो जानकारी अभी उनके ट्वीट के बाद आई है उसके मुताबिक, सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों की मदद कर चुके रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब राजनीति में अपनी गुंजाइश देखेंगे। इसकी शुरूआत बिहार से करेंगे। उन्होंने सोमवार को एक टवीट के जरिए यह संकेत दिया है।
वे बिहार में प्रचलित सुशासन के बदले उसी भाव से जन सुराज अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि जनतांत्रिक प्रणाली में अपनी अर्थपूर्ण भागीदारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। करीबी सूत्रों का कहना है कि पीके जल्द ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करेंगे। लोगों से मिलेंगे। उनकी मूलभूत समस्याओं को सुनेंगे। निदान के उपाय बताकर अगला कदम उठाएंगे।
हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं है कि वे नयी पार्टी बनायेंगे या नहीं। लेकिन प्रशांत किशोर ने कहा है कि वे जनता के बीच जाकर जन सुराज लाने की मुहिम छेड़ेंगे। इसकी शुरूआत बिहार से होगी।
ट्वीट में उन्होंने कहा,“लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति बनाने में मदद करने की मेरी जिद के कारण मैंने दस सालों तक रोलरकोस्टर की सवारी की। अब मैंने अपनी भूमिका बदली है इसलिए अब समय आ गया है कि असली मालिक यानि कि आम लोगों के पास जाया जाए, ताकि उनके मुद्दों को सही से समझा जा सके और जन सुराज यानि जनता का बेहतर शासन का रास्ता तलाशा जा सके। इसकी शुरूआत बिहार से होगी।
पीके तीन दिनों से पटना में हैं। पहले बताया गया था कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर राजनीतिक चर्चा करेंगे। लेकिन, खबर लिखे जाने तक उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई है। सूत्रों की माने तो पीके तुरंत किसी राजनीतिक दल के गठन या चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं करेंगे। भ्रमण के दौरान अगर लोक लुभावन मुद्दे की पहचान हो गई तो वे संभावना देखेंगे कि उस पर आम लोगों को गोलबंद किया जा सकता है या नहीं।
पीके ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा है कि पिछले 10 साल के अनुभव के बाद अब ‘रियल मास्टर’ यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है। आगे प्रशांत किशोर ने लिखा है कि इसकी शुरुआत बिहार से होगी। पीके के इस ट्वीट के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अपनी पार्टी बनाकर सक्रिया राजनीति में आएंगे। प्रशांत किशोर के इस नये ऐलान के बाद बीजेपी ने पीके पर बड़ तंज कसा है। वहीं राजद ने कहा है कि तेजस्वी का जादू चल रहा है और बिहार में तेजस्वी माडल ही चलेगा। किसी के आने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
राजद ने कहा है कि पीके राजनीतिक दलों के लिए काम किया है। चुनावी रणनीतिकार हैं। सबको अधिकारी है यात्रा निकालने का। लेकिन बिहार में तेजस्वी का जादू चल रहा और यहां तेजस्वी माडल ही चलेगा। किसी के आने से फर्क नहीं पड़ता है।
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार की राजनीत में अच्छे लोगों की जरूरत है। पप्पू यादव ने कहा कि बिहार की राजनीत में जाति के समीकरण का बड़ा घालमेल है ऐसे में पीके को बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। पप्पू यादव ने कहा कि राजनीति में ऐसे लोगों को आगे आना चाहिए। बिहार की राजनीत में पिछले 25-30 सालों से काबिज नाकारे लोगों की जगह अच्छे लोग आएं तो उनका स्वागत है।