काेरोना के बीच आज से शुरू हुई बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हो गयी। राज्य के 38 जिलों में बनाए गए 1,471 सेंटर पर कुल 13 लाख 45 हजार 939 स्टूडेंट्स एग्जाम दे रहे हैं।
कोरोना प्रोटोकॉल के साथ परीक्षा में नकल न की जाये, इसके लिए बोर्ड ने विशेष तैयारी की है। पटना के मिलर हाई स्कूल के परीक्षा केंद्र पर पांच मिनट लेट पहुंचने के वजह से एक छात्र को अंदर नहीं घुसने दिया गया। छात्र करीब 15 मिनट कर गुहार लगाता रहा लेकिन स्कूल स्टाफ ने उसे अंदर घुसने नहीं दिया।
सेंटर के बाहर मौजूद लोगों ने स्कूल के स्टाफ को काफी समझाया लेकिन उसने किसी की एक न सुनी और छात्र को बाहर कर दिया। बिहार के खगड़िया जिले में एक एक परीक्षार्थी को निष्कासित कर दिया गया। परीक्षा के पहले दिन राज्य के 14 जिलों में 40 परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अनुसार सर्वाधिक 11 परीक्षार्थी नालंदा में निष्कासित किए गये । इसके अलावा नवादा में एक, सहरसा में दो, जमुई में तीन, खगड़िया में एक, सीवान में एक, सुपौल में चार, भागलपुर में चार, बांका में एक, मधेपुरा में एक, वैशाली में एक, मधुबनी में एक, रोहतास में एक और सारण में तीन परीक्षार्थी निष्कासित किए गये। इसके अलावा सुपौल में दो और जहानाबाद एवं नालन्दा में एक-एक को फर्जी तरीके से दूसरे के बदले परीक्षा देते हुए पकड़ा गया ।
कोरोना प्रोटोकॉल की माने तो कुछ परीक्षा केंद्रों के गेट पर सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था बढ़ती भीड़ के साथ ही समाप्त हो गई। परीक्षार्थियों के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक भी नजर आए। परीक्षा में प्रवेश करने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का उतना महत्व नहीं दिखा।
कुछ छात्र ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर आए थे, जिसे देखकर बाहर फेंक दिया गया। एग्जाम सेंटर पहुंचे छात्रों ने बताया ऑनलाइन पढ़ाई होने के कारण हमारे सिलेबस पूरे नहीं हुए हैं। उसके बावजूद हम लोग परीक्षा देने आए हैं, जैसे तैसे परीक्षा देंगे और पास तो कर ही जाएंगे।
बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में आज गणित विषय की परीक्षा थी । परीक्षा देने के दौरान पेपर लीक होने की अफ़वाह भी उड़ी। हालांकि, प्रशासन इससे इंकार करता रहा। इंटरमीडिएट की परीक्षार्थियों के अनुसार इस वर्ष गणित का पेपर काफी आसान था। तैयारी ठीक होने के कारण पेपर अच्छा हुआ है।
कई बच्चों ने कहा कि परीक्षा तो ठीक ही गया है। हालांकि, समय पर सिलेबस पूरा नहीं हो पाने के कारण कई सवालों को बनाने में कठिनाइयां हुई। कोरोना काल में परीक्षा से थोड़ा डर लग रहा था लेकिन व्यवस्था ठीक रही। सेंटर पर सोशल डिस्टेंस का पालन करना मुश्किल हो गया था।
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनन्द किशोर के अनुसार पारदर्शी, कदाचारमुक्त और कड़ाई के साथ परीक्षा कराने को लेकर बोर्ड संकल्पित है। इसी कड़ी में राज्य के सभी जिलों के डीएम, एसपी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया गया है। उन्हें जिलों में परीक्षा केंद्रों पर खुद भ्रमण करने का निर्देश दिया गया है।
उन्हें परीक्षा केन्द्रों पर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो इसका भी पालन करना है। साथ ही 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाने को कहा गया है, जिससे भीड़ नहीं होने पाए। परीक्षा में कड़ाई से कोई भी समझौता नहीं करने को कहा गया है। परीक्षा में व्यवस्था जोनल, सब जोनल तथा सुपर जोनल स्तर पर की गई है।
पटना की बात की जाये तो यहां इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए बने 84 केंद्रों पर 78961 परीक्षार्थी शामिल हुए, जिसमें छात्रों की संख्या 40791 तथा छात्राओं की संख्या 38170 है। विज्ञान संकाय में 38610, कला संकाय में 33527, वाणिज्य में 6715, वीओसी में 109 परीक्षार्थी हैं।
पटना सदर अनुमंडल में 41653 परीक्षार्थी, पटना सिटी अनुमंडल में 11178, दानापुर अनुमंडल में 10164, बाढ़ अनुमंडल में 7019, मसौढ़ी अनुमंडल में 4873, पालीगंज अनुमंडल में 4074, परीक्षार्थी हैं।
कुल 84 केंद्रों में 42 केंद्र छात्र के लिए तथा 42 केंद्र छात्रा के लिए है । पटना सदर अंतर्गत 40 केंद्र, पटना सिटी अंतर्गत 14 केंद्र, दानापुर अनुमंडल अंतर्गत 12 केंद्र ,बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत 7 केंद्र, मसौढ़ी अनुमंडल अंतर्गत 5 केंद्र ,पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत 6 केंद्र हैं, जहां आज शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न हुई । इंटरमीडिएट परीक्षा के शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त संचालन के लिए जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने खुद कई विद्यालयों का निरीक्षण किया ।