LNMU के VC प्रो. एसपी सिंह को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने प्रदेश सरकार पर जमकर प्रहार किया है। नीतीश सरकार पर बड़ा हमला करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम श्री मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार में लिप्त को कुलपति बनाए रखना राजभवन और सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बिहार की उच्च शिक्षा के बारे में गलत संदेश जा रहा है।
जय बाबा केदार..!
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जानकारी के अनुसार, भ्रष्टाचार के आरोप से पूरी तरह घिरे मिथिला विवि के कुलपति प्रो.एसपी सिंह पर अब तक कोई कार्रवाई राजभवन या सरकार की ओर से नहीं हो सकी है। इसको लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जमकर हमला करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त पर अब तक कार्रवाई नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
सुशील मोदी ने कहा कि जिसके ऊपर भ्रष्टाचार आरोप लगे हैं, उसे दो अन्य विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजभवन और राज्य सरकार को कड़े फैसले लेने चाहिए। सुशील मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी बात रखी।
सुशील मोदी ने कहा,’मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति एसपी सिंह पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसके बावजूद उन्हें दो अन्य विश्वविद्यालयों का प्रभारी कुलपति बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजभवन और राज्य सरकार को विश्वविद्यालय परिसरों में अनिश्चितता की धुंध साफ करने के लिए कड़े फैसले लेने चाहिए।’
राज्यसभा सांसद श्री मोदी ने कहा कि पाटलिपुत्र विवि के कुलपति आर के सिंह अगर नियुक्ति के 40 दिन बाद भी कार्यभार नहीं ग्रहण कर रहे हैं, तो चयनित पैनल के किसी दूसरे व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मगध, पाटलिपुत्र और मिथिला विश्वविद्यालयों के कुलपति जिस तरह के गंभीर आरोपों में घिरे हैं, उससे बिहार की उच्च शिक्षा के बारे में गलत संदेश जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के यहां छापा पड़ने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, वीसी के पीए और चीफ लाइब्रेरियन की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच में तेजी लाने के लिए मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। आरोपी कुलपति यदि लगातार छुट्टी पर चल रहे हैं और जाँच में सहयोग नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ वारंट निकाल कर तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
निगरानी विभाग के छापे में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के विभिन्न परिसरों से करोड़ रुपए नकद और अकूत सम्पत्ति के कागजात बरामद होने के बाद उन्हें बर्खास्त करने के लिए राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए। इस मुद्दे पर राजभवन से बेहतर तालमेल होना चाहिए।
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