Patna | बिहार में जब से Smart Meters का चलन शुरू हुआ है। विरोध की आंधी में स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार में भारी कमी दिखी। सरकार से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक स्मार्ट मीटर लगाने की अपील करते दिखे मगर जिसने विरोध जताया आज भी विरोध पर कायम हैं। ऐसे में स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार बढ़ाना प्रशासन और सरकार के साथ बिजली विभाग के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं।
Smart Meters उपभोक्ता लगाएं इसके लिए विभाग ने कईं पैंतरे आजमाएं
जानकारी के अनुसार, स्मार्ट मीटर उपभोक्ता लगाएं इसके लिए विभाग ने बिजली दर में भी कटौती का ऐलान किया। मगर, राजद समेत पूरा विपक्ष जिस स्मार्ट मीटर लगाने की खिलाफत में था, उसने हर उस प्वाइंट को कमजोर किया जो स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम में शामिल था। ऐसे में विभाग ने अब नई स्कीम तैयार की है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
Smart Prepaid Meters को लेकर फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए
ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए बिजली कंपनी ने नया तरीका अपनाया है। अब गांवों में सबसे पहले मुखिया और सरपंच के घरों में स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन किया जाएगा। इसका मकसद है कि जनप्रतिनिधियों की पहल देखकर आम लोग भी बदलाव को स्वीकार करें।
जनप्रतिनिधियों के घरों से Smart Meters अभियान की शुरुआत
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) को लेकर चल रही गलतफहमियों को दूर करने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान (Awareness Campaign) चलाया जा रहा है।
मुखिया और सरपंच के घरों में मीटर लगाने से गांव वालों को सकारात्मक संदेश मिलेगा और उन्हें स्मार्ट मीटर का फायदा समझ में आएगा।
इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के सभी सरकारी भवनों में भी स्मार्ट मीटर लगाएं।
लोगों को पुराने और नए मीटर के बीच बिलिंग प्रक्रिया (Billing Process) में कोई फर्क नहीं होने का डेमो भी दिखाया जाएगा।
सरकारी भवनों और आम लोगों के घरों में भी इंस्टॉलेशन तेज
सभी सरकारी भवनों में तुरंत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का निर्देश।
अधीक्षण अभियंताओं (Superintending Engineers) को इसकी निगरानी का जिम्मा सौंपा गया।
बिलिंग पारदर्शिता दिखाने के लिए पुराने और नए मीटर की तुलना की जाएगी।
63 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंस्टॉल, फिर भी कुछ इलाकों में विरोध
अब तक बिहार में 63 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।
फिर भी कुछ ग्रामीण इलाकों में विरोध देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:
यदि किसी इलाके में विरोध बढ़ा तो जिला प्रशासन से सहायता ली जाएगी।
इंस्टॉलेशन के दौरान हिंसा होने पर तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित करने का निर्देश।
मुख्यालय स्तर से फील्ड इंजीनियरों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।
जागरूकता अभियान में सरपंच, मुखिया और स्थानीय कलाकारों की मदद
लोगों को जागरूक करने के लिए कंपनी ने लोकल लीडर्स और कलाकारों की मदद ली है:
बैनर, पोस्टर, पंफलेट से प्रचार
ई-रिक्शा के जरिए गांव-गांव जागरूकता फैलाना
सोशल मीडिया और प्रचार माध्यमों का उपयोग बढ़ाना
बिलिंग सुधार और शिकायतों के त्वरित निवारण पर जोर
स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टॉलेशन के साथ-साथ बिलिंग सुधार (Billing Correction) की प्रक्रिया भी तेज की जा रही है:
उपभोक्ताओं की बिल संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान करने का निर्देश।
बिल त्रुटियों को ठीक कर स्मार्ट मीटर के फायदों को समझाना अनिवार्य किया गया।
निष्कर्ष
मुखिया जी ‘ तैयार ‘, अब सबसे पहला नंबर आपका है, चुनाव से पहले सरकार का मास्टर प्लान। बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति अपनाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और स्थानीय जागरूकता अभियानों के माध्यम से सरकार स्मार्ट मीटर की स्वीकृति बढ़ाने में जुटी है। इससे न केवल बिलिंग सिस्टम पारदर्शी बनेगा बल्कि बिजली सेवाओं में भी सुधार आएगा।