पूर्णिया/ पटना, देशज टाइम्स– पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद जहाँ पूरा देश शोक में डूबा है, वहीं पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर तीखा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि “जब देश के सैनिक शहीद हुए हैं, तब रैली और ठहाके शर्मनाक हैं।”
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Highlights):
PM मोदी की बिहार यात्रा पर राजनीतिक विवाद तेज।
Darbhanga के मदरसा में ‘ …भीख मांगती हिंदू लड़की, फिर? देखें VIDEO
View this post on Instagramपप्पू यादव का आरोप – “शोक के समय में ठहाके समझ से परे हैं।”
पहलगाम हमले के बाद संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल।
सेना बहाली पर केंद्र सरकार को घेरे पप्पू यादव।
प्रधानमंत्री जी
यह अक्षम्य अपराध है,पूरा देश शोक में डूबा है
आप बिहार में आकर राजनीतिक रैली कर रहे हैंमंच पर बैठ हंसी-ख़ुशी के माहौल में ठहाके मार
कैसा शोक मना रहे हैं?पीड़ित परिवारों की असह्य
वेदना का आपलोगों के पत्थर दिल पर कोई असर
नहीं पड़ रहाऐसे PM से शर्मिंदा हैं!
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 24, 2025
- उन्होंने पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर हमला बोला। कहा कि जब पूरा देश गम में डूबा है, ऐसे में रैलियां क्यों की जा रही है। प्रधानमंत्री को ऐसे समय में भी चुनावी रैलियों की पड़ी है, जब कि ये समय पीड़ित परिजनों के साथ खड़े होने और आंतकियों के सबक सीखने का था।
पीएम मोदी की रैली पर पप्पू यादव का कड़ा हमला
पप्पू यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“प्रधानमंत्री जी, यह अक्षम्य अपराध है! पूरा देश शोक में है, और आप रैली में ठहाके मार रहे हैं? पीड़ित परिवारों की पीड़ा आपके दिल को नहीं छूती? ऐसे PM से शर्मिंदा हैं हम!”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब आतंकवादी हमले के बाद देश स्तब्ध है, प्रधानमंत्री का चुनावी मंच पर जाना कितनी संवेदनशीलता दिखाता है?
सरकार का पक्ष – “सादगीपूर्ण और सख्त सुरक्षा के बीच हुआ दौरा”
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम बेहद सादगीपूर्ण तरीके से रखा गया था।
कोई स्वागत या उत्सव नहीं हुआ, केवल पूर्व निर्धारित योजनानुसार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कार्यक्रम में शामिल रहे।
पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, खासकर पर्यटन स्थलों पर।
सेना बहाली को लेकर भी उठाए सवाल
पप्पू यादव ने पहले भी सेना में बहाली को लेकर सरकार से सवाल पूछे थे:
“कोरोना से अब तक सेना में बहाली क्यों नहीं हुई? क्या जवानों की कमी के कारण ही कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में फौज तैनात नहीं रहती?”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि सेना की ताकत बढ़ाई जाती, तो ऐसे आतंकी हमलों की रोकथाम संभव होती।