बिहार में नई गाड़ी खरीदना आसान, रजिस्टर कराना मुश्किल! जानिए क्यों नई गाड़ी खरीदी, लेकिन चलाने की इजाज़त नहीं! बीमा क्लेम ठप, फाइनेंसर धमका रहे! गाड़ी खरीदी पर भी चैन नहीं – ये है बिहार का हाल। पोस्टर में डिजिटल इंडिया, जमीन पर फंसा पोर्टल! ऑनर कार्ड के लिए जनता बेहाल।ऑनर कार्ड नहीं, गाड़ी जब्त की धमकी! बिहार में वाहन मालिकों की बेबसी की कहानी@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार में नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बना सिरदर्द! 1.23 लाख वाहन फंसे, ऑनर कार्ड के लिए लोग भटक रहे
पटना, देशज टाइम्स – बिहार में नया वाहन खरीदना जितना आसान, उसे रजिस्टर कराना उतना ही जटिल होता जा रहा है। 1 लाख 23 हजार से अधिक वाहन मालिक अब तक रजिस्ट्रेशन और ऑनर कार्ड के लिए परिवहन कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति पटना जिले की है, जहां 13 हजार से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अटका हुआ है।
पटना समेत पूरे बिहार में फैली अव्यवस्था
राज्यभर में रजिस्ट्रेशन लंबित वाहनों की संख्या: 1,23,000+ केवल पटना में अटके रजिस्ट्रेशन: 13,000+ ऑनर कार्ड और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पाने में हो रही महीनों की देरी हो रही।
क्या है कारण? – पोर्टल और कर्मचारियों की लापरवाही
समस्या | विवरण |
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दस्तावेज़ अपलोड में देरी | पोर्टल पर समय पर टैक्स रसीद और अन्य जरूरी कागजात अपलोड नहीं हो पा रहे |
सत्यापन प्रक्रिया अधूरी | अधूरे दस्तावेज़ के कारण रजिस्ट्रेशन फाइल आगे नहीं बढ़ रही |
कर्मचारियों की अनदेखी | आरटीओ कार्यालयों में तकनीकी समस्या का समाधान नहीं मिलता |
पोर्टल की तकनीकी खराबी | साइट स्लो है, बार-बार लॉगिन फेल और अपलोड एरर |
बीमा, चालान और फाइनेंस पर असर
बिना रजिस्ट्रेशन के बीमा क्लेम नामुमकिन हो रहा। चालान भुगतान में रुकावट आ रही। फाइनेंस कंपनियां भेज रही नोटिस, गाड़ी वापस लेने की चेतावनी तक दी जा रही है।
वाहन मालिकों की आपबीती
“दो महीने हो गए, अब तक ऑनर कार्ड नहीं मिला। पोर्टल पर एरर आता है, ऑफिस जाकर भी समाधान नहीं होता।”
— रमेश , पटना निवासी
प्रशासनिक निष्क्रियता है असली वजह
राज्य सरकार और परिवहन विभाग की निष्क्रियता ने जनता को संकट में डाला है।तकनीकी ढांचे का उन्नयन न होना और अधिकारियों की जवाबदेही तय न करना मुख्य समस्या है। बिहार में वाहन रजिस्ट्रेशन की यह स्थिति आम जनता के विश्वास को ठेस पहुंचा रही है। जब तक पोर्टल को अपग्रेड नहीं किया जाता, कर्मचारियों की जवाबदेही तय नहीं होती, और दस्तावेज अपलोड प्रक्रिया सरल नहीं बनती,तब तक यह दैनिक समस्या बनी रहेगी।