बिहार के सभी सरकारी तालाबों को अब यूनिक पहचान मिलेंगी। जल संरचनाएं डिजिटल रिकॉर्ड में होंगी। दरभंगा सहित बिहार के तालाबों की होगी डिजिटल मैपिंग।बिहार में पहली बार ‘वॉटर बॉडी गजेटियर एटलस’ जारी, जल संरचनाओं का होगा पुनर्जीवन। बिहार के तालाब, नदियां, आर्द्रभूमि अब होंगे रिकॉर्ड में – राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने किया एटलस का लोकार्पण।
बिहार के सरकारी तालाबों को मिलेगी यूआईडी पहचान, वाटर बॉडी एटलस से अतिक्रमण हटाने में मिलेगी मदद
– अब बिहार के सरकारी जल स्रोतों को भी यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UID) मिलेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वॉटर बॉडीज ऑफ बिहार’ पुस्तक में यह पहल दर्ज की गई है, जो राज्य के जल संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन और अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री की सोच से प्रेरित है पहल
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बताया कि यह कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली मिशन की सोच के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “दरभंगा तालाबों का शहर है, लेकिन जब मुख्यमंत्री वहां पहुंचे तो उन्हें भीषण जल संकट का अनुभव हुआ। इसी से प्रेरणा लेकर यह दस्तावेज तैयार किया गया है।”
जलनिकायों की होगी पहचान और सुरक्षा
सभी तालाबों, नदियों, आर्द्रभूमियों को अब मिलेगा यूआईडी, जिससे उनकी भौगोलिक स्थिति और स्थिति रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। यह पुस्तक प्राकृतिक जलस्रोतों की सुरक्षा, पुनर्स्थापन, और प्रबंधन योजनाओं को वैज्ञानिक आधार देगी।
अतिक्रमण हटाने में होगा अहम योगदान
रेरा अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि अब अधिकारियों को सटीक जानकारी होगी कि कहाँ कितने जलनिकाय हैं। इससे अतिक्रमण हटाने में आसानी होगी और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
शोधकर्ताओं और योजनाकारों के लिए अमूल्य दस्तावेज
इस एटलस में केवल नदियों या तालाबों की भौगोलिक जानकारी ही नहीं, बल्कि उनके ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं की भी जानकारी दी गई है। इससे शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं और शिक्षाविदों को विकास योजनाओं में मदद मिलेगी।
हिंदी संस्करण भी जल्द होगा प्रकाशित
मंत्री सरावगी ने जानकारी दी कि इस पुस्तक का हिंदी संस्करण भी जल्द प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही 54 साल बाद पटना जिले और 60 साल बाद दरभंगा जिले का गजेटियर भी प्रकाशित किया जाएगा।
बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी रहे मौजूद
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इस पुस्तक का विमोचन पटना सचिवालय के अधिवेशन भवन में हुआ।