बिहार के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) में तैनात डीआईजी रैंक के आईपीएस अफसर राजीव रंजन की झारखंड की महिला से हैदराबाद में यौन शोषण मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके साथ ही पुलिसिया वर्दी पर फिर से सेक्स का कलंक चस्पा हो गया है। रेल डीआईजी राजीव रंजन के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर सीआईडी ने अपनी जांच में डीआईजी के खिलाफ यौन शोषण के आरोप को सही पाया है। ऐसे में अब रेल डीआईजी पूरी तरह मामले में जकड़ते जा रहे हैं।
सीआईडी ने अपनी जांच में उनके खिलाफ लगे यौन शोषण और महिला को झूठे केस में फंसाने के आरोप सही पाए गए हैं। सीआईडी ने डीजीपी से राजीव रंजन के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय के द्वारा जल्द ही आईपीएस अफसर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। राजीव रंजन के पास डीआईजी (रेल) का अतिरिक्त प्रभार भी है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की और कहा कि जांच रिपोर्ट कुछ दिन पहले डीजीपी को सौंपी गई है। सीआईडी ने आईपीएस अफसर के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है। वहीं, एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार का कहना है कि जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर जुर्माना तय किया जाएगा।
सीआईडी ने 400 पेज की अपनी रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी के आचरण को संदिग्ध माना है। उनको पद के दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया है। साथ ही रेल डीआईजी के खिलाफ की जांच की रिपोर्ट भी बिहार डीजीपी कार्यालय को भेज दी गई है। अब रेल डीआईजी के खिलाफ अपर मुख्य सचिव गृह की ओर से कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया जाना है। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के बाद रेल डीआईजी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए जा सकते हैं।
यह मामला 2018 का है। जब 2018 में फेसबुक के माध्यम से आईपीएस राजीव रंजन की दोस्ती हैदराबाद में रह रही झारखंड की एक महिला से हुई थी। धीरे-धीरे यह दोस्ती लगतार गहरी होती चली गई। इस मामले में महिला ने आरोप लगाया है कि अप्रैल 2018 में नेशनल पुलिस एकेडमी की कार से वह वनस्थलीपुरम थाना क्षेत्र स्थित उनके घर पहुंच गए और अकेला पाकर उनका यौन शोषण किया।
इसके बाद यह सिलसिला जारी रहा। महिला का आरोप है कि जब मैंने इस रिश्ते को खत्म करने की कोशिश की तो उन्होंने अपने पद का रौब गांठना शुरू कर दिया। धमकी देने पर उतर आये। राजीव रंजन पहले बिहार पुलिस सेवा में थे। उन्हें आईपीएस के लिए प्रमोट किया गया। उस दौरान उन्हें अनिवार्य प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए) भेजा गया। इससे पहले उनकी झारखंड की एक महिला से दोस्ती हो गई, जो शादी के बाद हैदराबाद में रह रही थी।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उस महिला ने आईपीएस राजीव रंजन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता ने पुलिस में अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राजीव रंजन राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के लिए आया था।
महिला ने वनस्थलीपुरम थाने में लिखित शिकायत दी जिसके बाद आईपीएस राजीव रंजन ने उसे शिकायत वापस लेने की धमकी देना शुरू कर दिया। फिर 19 जुलाई 2018 को अपने छोटे भाई के ससुर के माध्यम से महिला और उसके पति के खिलाफ पटना के आगमकुआं थाने में आईटी एक्ट व रंगदारी (503/2018) का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया गया।
पीड़िता ने राजीव रंजन और उसके मददगारों के खिलाफ बेटे को अगवा करने, पति को झूठे केस में फंसाने और टॉर्चर करने को लेकर डीजीपी कार्यालय में भी शिकायत की थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए डीआईजी ने पहले धमकी दी फिर छोटे भाई के ससुर के माध्यम से पटना के अगमकुआं थाने में 19 जुलाई 2018 को महिला और उसके पति के खिलाफ आईटी एक्ट और रंगदारी का केस दर्ज करा दिया।
पीड़िता के भाई ने 11 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास शिकायत दर्ज कराई। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय ने डीजीपी को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आरोपों की गंभीरता और आईपीएस से जुड़ा मामला होने के कारण इसकी जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को दी गई। इसके बाद सीआईडी ने जांच कर डीजीपी को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है।