सीतामढ़ी, देशज न्यूज। जिले के ही नहीं पूरे प्रदेश के प्रमुख रीगा चीनी मिल (Riga Sugar Mill) पर तालाबंदी की तलवार लटक गई है। छह सौ कर्मियों की छंटनी के बाद अब तालाबंदी का खतरा मंडराने लगा है। नए सत्र शुरू होंगे या नहीं इसको लेकर आशंका बनी हुई है।सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल sitamarhi-riga-sugar-mill का अतीत काफी समृद्धशाली रहा है। इस चीनी मिल की बदौलत इलाके sitamarhi-bihar-is-facing-economical-crisis-for-opening-of-new-session के किसानों की बेटियों की शादियां हुआ करती थीं तो वहीं बीमार किसानों का इलाज, लेकिन हाल के दिनों में चीनी मिल की आर्थिक हालात बेहद खराब हो गई है।
जानकारी के अनुसार, किसानों का तकरीबन 100 करोड़ का गन्ना (Sugar Cane) खेतों में खड़ा है। 80 करोड़ की राशि किसानों का चीनी मिल प्रबंधन पर बकाया है। अगर इस हालात में चीनी मिल (Sugar Mill) का काम शुरू नहीं हुआ तो किसानों में हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
पिछले पांच साल से चीनी मिल आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है. इसी कारण चीनी मिल के ऊपर किसानों का तकरीबन 80 करोड़ रुपया लंबे अरसे से बकाया है। इतना ही नहीं चीनी मिल अपनी आर्थिक बदहाली का हवाला देकर 600 कर्मियों को भी काम से बाहर का रास्ता दिखा चुका है।
मिल प्रबंधन के इस फैसले से मिल में काम करने वाले कर्मियो में हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. 600 कर्मी पिछले छह महीने से पूरी तरीके से बेरोजगार होकर सड़कों पर भटक रहे हैं।
मिल प्रबंधन ने अपनी बदहाली को लेकर मिल गेट पर अपनी बदहाली का इश्तेहार भी चिपका दिया है।. वहीं, सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल से जुड़े तकरीबन 50 हजार किसान भी परेशान हैं।
नए सत्र में चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू होगा या नहीं, किसानों मे इस बात को लेकर संशय की स्थिति है। किसानों का 100 करोड़ का गन्ना खेतों में खड़ा है जो चीनी मिल के पेराई सत्र का इंतजार कर रहा है। किसानों का 80 करोड़ रुपया चीनी मिल पर भी लंबे अरसे से बकाया है. ऐसे में अगर चीनी मिल नहीं शुरू हुआ तो किसानों मे हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।