पौराणिक तथ्य फिर से साकार होने जा रहे हैं जब भगवान राम की अयोध्या जाएगा मां सीता के मायके जनकपुरधाम से ‘भार’। यह मान्यता है, परंपरा में भी शामिल कि मिथिला में बेटियों को शादी के समय ही नहीं, बल्कि शादी के बाद भी बेटी के घर में जब कभी कोई शुभ कार्य हो रहा हो, तो मायके से कुछ शुभ चीज़ देने की परंपरा है।
चूंकि माता सीता का मायका जनकपुरधाम, नेपाल में है, और राम जन्मभूमि अयोध्या धाम में शुभ कार्य होने जा रहा है, तो इसी परंपरा के तहत अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मां सीता के मायके जनकपुरधाम से ‘भार’ भेजा जाएगा। मिथिला परंपरा के अनुसार इस ‘भार’ को जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर के नेतृत्व में समर्पित किया जाएगा।
वैसे, यह बात करीब सात महीने पहले ही तय हो गई थी जब नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री विमलेंद्र निधि ने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव में कहा गया था कि जब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन ही रहा है, तो क्यों न इसमें जनकपुरधाम और नेपाल की ओर से भी कुछ योगदान हो। अब पढ़िए खबर विस्तार से
अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को होने जा रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए नेपाल के जनकपुरधाम को भी निमंत्रण पत्र मिला है। यह निमंत्रण पत्र श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से भेजा गया है। जनकपुरधाम भगवान राम की ससुराल है।
जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर के प्रमुख महंथ राम तपेश्वर दास और उत्तराधिकारी महंथ रामरोशन दास को निमंत्रण पत्र मिल गया है। निमंत्रण पत्र को साझा करते हुए महंथ रामरोशन दास ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया है। अत्यंत ही भाव विह्वल होकर महंथ ने कहा कि माता जानकी के घर में होने जा रहे भव्य समारोह के लिए निमंत्रण मिलने से सम्पूर्ण जनकपुरधामवासियों का हृदय प्रसन्न है।
उन्होंने कहा कि माता जानकी की ससुराल में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा वर्षों से थी। श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के शिलान्यास में भी जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। अब पढ़िए पूरी खबर
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मां जानकी के मायके से भार (संदेश) जाएगा। मिथिला परंपरा के अनुसार, माता सीता के मायका से ससुराल पक्ष को भेजे जानेवाले संदेश में सभी प्रकार के मौसमी फल, मिष्ठान, श्रृंगार सामग्री, भगवान श्रीराम व माता सीता समेत उनके पूरे परिवार के लिए वस्त्र आदि शामिल किए जाएंगे।
इसे नेपाल के जनकपुरधाम व बिहार के मिथिलाधाम से संत-महंतों की टोली लेकर जाएगी। मिथिला परंपरा के अनुसार इस ‘भार’ को जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर के नेतृत्व में समर्पित किया जाएगा। यह जानकारी जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास ने दी।
उन्होंने ‘भार’ का हिस्सा बनने के लिए जनकपुरधामवासियों का आह्वान किया है। इच्छुक लोग अपना ‘भार’ तीन जनवरी तक जानकी मंदिर में जमा करा सकते हैं। ‘भार’ के रूप में 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मखाना, वस्त्र, आभूषण, चांदी के बर्तन आदि सामग्री अयोध्या भेजी जाएगी।
महंत राम रोशन दास ने बताया कि ‘भार’ पैदला यात्रा लिए 1100 लोगों की समिति का गठन किया गया है। यह यात्रा जानकी मंदिर के प्रमुख महंत राम तपेश्वर दास के नेतृत्व में चार जनवरी को जनकपुरधाम से प्रस्थान करेगी।
बीरगंज में रात्रि विश्राम कर पांच जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। छह जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित भव्य आयोजन में इस ‘भार’ को समर्पित किया जाएगा। जानकी मंदिर के महंत को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सहभागी होने के लिए निमंत्रण मिला है।