बिहार के बेगूसराय जिले में एक CTET परीक्षा पास कर चुका एक युवक ईरिक्शा चलाने को मजबूर है। इस शख्स का नाम जहांगीर है। इसने अपने रिक्शे पर ‘CTET पास रिक्शावाला’ लिखवा रखा है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद जहांगीर ने CTET की परीक्षा पास की। उन्हें भरोसा था कि वे जल्द ही टीचर बनकर बच्चों को पढ़ाएंगे लेकिन नौकरी ना मिलने से नाराज जहांगीर ने लोन लेकर एक ई-रिक्शा लिया और अब उसी से अपना गुजारा चला रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण ने जहांगीर का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, ‘कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता! पर दुःख होता है जब एक कुशल एवं शिक्षित व्यक्ति को योग्यता और क्षमता के अनुरूप रोजगार का अवसर नहीं मिलता।
जब देश में 60 लाख से अधिक ‘स्वीकृत पद’ खाली पड़े हैं, तब CTET पास यह नौजवान रिक्शा चलाने को मजबूर है। यह हमारी संसद की ‘संयुक्त असफलता’ है।’ वरुण गांधी पहले भी सरकार के खिलाफ बोलते नजर आए हैं और एक बार फिर उन्होंने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है।
जानकारी के अनुसार, बेरोजगारी का रोना रोने वालों को आइना दिखाने वाली पटना की ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका गुप्ता अभी चर्चा में ही थी कि बेगूसराय में सीटीईटी (सीटेट) पास रिक्शा वाले ने धमाल मचा दिया है। लोकसभा सदस्य वरुण गांधी ने सीटीईटी पास जहांगीर के कार्यों की सराहना करते हुए सिस्टम पर भी चोट किया है। वरुण गांधी ने बेगूसराय के सीटीईटी पास रिक्शावाला का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ”कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता।
पर दुःख होता है जब एक कुशल एवं शिक्षित व्यक्ति को योग्यता और क्षमता के अनुरूप रोजगार का अवसर नहीं मिलता। जब देश में 60 लाख से अधिक स्वीकृत पद खाली पड़े हैं, तब सीटीईटी पास यह नौजवान रिक्शा चलाने को मजबूर है, यह हमारी संसद की संयुक्त असफलता है।”
जानकारी के अनुसार, बेगूसराय जिला मुख्यालय से दूर भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के चंदौर गांव निवासी 25 वर्षीय मो. जहांगीर बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज है। पढ़ाई में उसकी रुचि देख अभिभावक ने उसे उच्च शिक्षा दिलाई, इसके बाद जहांगीर ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की तैयारी शुरू कर दी और दिसंबर 2020 में उसने यह परीक्षा पास कर लिया।

लेकिन उसके बाद वैकेंसी नहीं निकलने के कारण जहांगीर बेरोजगार था, थक हार कर जहांगीर ने दो माह पहले मुख्यमंत्री परिवहन योजना से कर्ज लेकर ई-रिक्शा खरीदा और भगवानपुर से लेकर तेघड़ा बाजार के बीच चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। हालांकि उसने नौकरी पाने की उम्मीद नहीं छोड़ी, रिक्शा चलाने के बाद बचे समय में वह रिवीजन भी करता है तथा पूरी उम्मीद है कि बिहार सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन के घोषित सातवें चरण में उसे भी नौकरी मिल जाएगी।
जहांगीर ने बताया कि दो बार सीटीईटी पास करने के बावजूद शिक्षक नहीं बन पाया है तो बेरोजगार घर पर बैठने से बेहतर परिवार के भरण-पोषण के लिए उसने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। उसने अपने ई-रिक्शा में सीटीईटी पास रिक्शावाला का बोर्ड भी लगा लिया है, जिससे कोई भी यात्री जहांगीर को पढ़ा लिखा समझ कर उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं करे। उसके मन में जोश और जज्बा है तो उम्मीद है कि एक ना एक दिन शिक्षक बनकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करेगा।
फिलहाल सीटीईटी पास रिक्शावाला जहांगीर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दूर-दूर से लोग उससे मिलने आ रहे हैं तथा काफी चर्चा हो रही है।
बता दें कि बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में जुलाई के अंत तक सातवें चरण में शिक्षक बहाली के लिए भर्ती के लिए आवेदन मंगाया जा सकता है। छठे चरण में खाली रह गईं 48 हजार सीटों के साथ ही सातवें चरण में 30 हजार से अधिक सीट हो सकती है. इस हिसाब बिहार में एक साथ करीब 78 हजार शिक्षकों की भर्ती हो सकती है।









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