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22 अक्टूबर, 2024

Deshaj Times Sunday Special | जीत से फूल कर कुप्पा…इसके आगे जय सिया राम!

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Amitabh Srivastava, Senior Journalist, Delhi।सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के लिए बुरी ख़बर लाये हैं। बीजेपी सिर्फ दो जगह जीती है-हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट और मध्यप्रदेश की अमरवाडा विधानसभा सीट। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली है। बाक़ी सब विपक्ष के खाते में गई हैं।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| अयोध्या, चित्रकूट वाली कहानी उत्तराखंड में भी दोहराई गई

कांग्रेस ने हिमाचलल प्रदेश की तीन में से दो और उत्तराखंड की दोनों सीटों पर जीत हासिल की है। अयोध्या, चित्रकूट वाली कहानी उत्तराखंड में भी दोहराई गई है। बीजेपी हिंदुओं के तीर्थस्थल के तौर पर दुनियाभर में प्रसिद्ध बद्रीनाथ में हार गई है। पश्चिम बंगाल की चारों सीटें तृणमूल कांग्रेस को मिली हैं जबकि तमिलनाडु में डीएमके और पंजाब में जालंधर पश्चिम की सीट आम आदमी पार्टी को मिली है।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| बिहार के रुपौली में निर्दलीय उम्मीदवार ने जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल दोनों को पछाड़ दिया

बिहार के रुपौली में निर्दलीय उम्मीदवार ने जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल दोनों को पछाड़ दिया। आरजेडी की उम्मीदवार बीमा भारती लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा चुनाव भी हार गईं। यह तेजस्वी यादव के लिए भी झटका है। बिहार में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| विधानसभा चुनावों के नतीजे संकेत दे रहे हैं

दो चुनाव, दो नतीजे। विधानपरिषद चुनावों में जीत से फूल कर कुप्पा हुई बीजेपी ने क्रॉसवोटिंग में अपनी महारत बरक़रार रखी है लेकिन विधानसभा चुनावों के नतीजे संकेत दे रहे हैं कि जनता के बीच विपक्ष का ग्राफ़ ऊपर चढ़ रहा है।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| महाविकास अघाड़ी की चुनावी तैयारी के लिहाज से अच्छे नहीं

महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के नतीजे शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी की चुनावी तैयारी के लिहाज से अच्छे नहीं कहे जा सकते। क्या इसी बूते पर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के दावे किये जा रहे हैं? राहुल गांधी बीजेपी के खिलाफ खुल कर मोर्चे पर डटे हैं और इधर कांग्रेस के विधायक क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी को जिता रहे हैं। ऐसे कैसे चलेगा?

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| बहुत अफसोस हुआ, गुस्सा आया।

सामाजिक न्याय के नाम पर राजनीति करने वाले अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव को मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में सपरिवार शिरकत करते देखकर बहुत अफसोस हुआ, गुस्सा आया। क्या पीडीए (PDA) और माई-बाप (MY-BAAP) के हक की लड़ाई इसी तरह लड़ी जाएगी? समाजवाद की राजनीति का अब यही चेहरा है? विपक्ष के लोग देश की गरीब आबादी की मसीहाई का दावा करते हैं, उसी आधार पर वोट मांगते हैं। फिर 5000 करोड की शादी में उन्हें क्यों जाना चाहिए था? सादगी का दावा करने वाली ममता बनर्जी की क्या मजबूरी थी कि वो इस भोंडे तामझाम का हिस्सा बनीं? क्यों कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान ख़ुर्शीद वहां गये जबकि उनके नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी इस तमाशे से दूर रहे? इस दिखावे में विपक्ष के नेताओं की मौजूदगी बहुत शर्मनाक और निंदनीय है।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| महात्मा गांधी के देश के नाम पर भारत की प्रतिष्ठा है। इधर,

प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं, सब जगह महात्मा गांधी के देश के नाम पर भारत की प्रतिष्ठा है। इधर, असम की बीजेपी सरकार ने एक घंटाघर बनाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति उखाड़ दी। हल्ला मचने के बाद अब एक नयी मूर्ति लगाने की बात कही जा रही है। जिन्हें लगता है कि भारत नरेंद्र मोदी के राज में वापस सोने की चिड़िया बना जा रहा है,वो देखें कि हमारे देश में आमदनी की असमानता कितनी भयावह है। देश की आधी आबादी की सालाना आमदनी 72,000 रुपये से भी कम यानी 6,000 रुपये माहवार से भी कम है। महीने के एक लाख से सिर्फ कुछ ऊपर आमदनी वाले औसत मध्यवर्गीय लोग देश की आमदनी का 58% हिस्सा कमाते हैं जबकि सालाना 53 लाख और उससे ऊपर की आमदनी वाला वर्ग सिर्फ एक फ़ीसदी है जो कुल आमदनी मे 23 फ़ीसदी का हिस्सेदार है।

Deshaj Times Sunday Special By Amitabh Srivastava| बहुत बड़ी आर्थिक खाई है समाज में।

स्पष्ट है,बहुत बड़ी आर्थिक खाई है समाज में। लेकिन इस आर्थिक खाई को पाटने के लिए सरकार क्या कर रही है? क्या लोगों की आमदनी बढ़ रही है? नौकरियां मिल रही हैं? रोज़गार सृजित हो रहे हैं? सरकार तो बस सीना चौड़ा करके कहती है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज दिया जा रहा है। इसके आगे जय सिया राम!
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