किशनगंज के टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला पर थाना परिसर में महिला को बंधक बनाकर आठ दिनों तक शारीरिक शोषण का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला अपने पति की तलाश में उत्तरप्रदेश के अंबेडकर नगर से किशनगंज के टेढ़ागाछ पहुंची थी। यहां वर्दी की आड़ में पुलिस वाले ने मुखिया के साथ मिलकर 8 दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया।
इतना ही नहीं दरोगा ने पीड़िता के पति से 2 लाख रुपए की रंगदारी भी वसूली कर लिया।डीएसपी रैंक के अधिकारी की जांच में महिला के आरोप सही पाए गए हैं।इधर किशनगंज एसपी इनामुल हक ने दरोगा को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही दोनों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। घटना से बाद से आरोपी दरोगा और मुखिया दोनों फरार है।
दरअसल, महिला अपने पति की तलाश में बिहार आई थी। रेप के बाद थानाध्यक्ष ने डरा धमका कर उससे दो लाख रुपए भी वसूले और पति के साथ छोड़ दिया। वहीं इस मामले में एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थानेदार को सस्पेंड कर गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है।
महिला का आरोप है थानाध्यक्ष ने आठ दिनों तक थाना में बंधक बनाकर रेप किया। महिला ने बताया की थाना अध्यक्ष व मुखिया प्रतिनिधि डाकपोखर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मनोज यादव ने उसे थाना में रुकने का दबाव बनाया।
एसपी ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है। थानाध्यक्ष मधेपुरा के मूल निवासी हैं। पांच साल से वह किशनगंज जिला पुलिस बल में कार्यरत हैं। पढ़िए पूरी खबर
मामला किशनगंज जिले से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि यूपी के अंबेडकरनगर जिले की रहने वाली महिला की शादी स्थानीय टेढ़ागाछ प्रखंड के डाक पोखर पंचायत स्थित मटियारी गांव के युवक मुन्नवर से हुई थी। वह कुछ पहले ही अपने पति को खोजने बिहार आई थी।
यूपी के अंबेडकर नगर की दलित महिला ने एफआईआर में बताया कि अपने पति को खोजते हुए जिले के टेढ़ागाछ थाना प्रभारी नीरज कुमार निराला के पास पहुंची थी। वहां दरोगा ने भरोसा दिलाया था कि वह उसके पति को खोज निकालेगा। आरोपी दरोगा उसे भरोसे में लेकर अपने आवास पर ले गया।
देर शाम दरोगा ने डाक पोखर के मुखिया मनोज यादव को अपने आवास पर बुलाया। फिर महिला के साथ दुष्कर्म किया। ये सिलसिला 8 दिनों तक चलता रहा। महिला का आरोप है कि दरोगा ने उससे शारीरिक संबंध बनाने के साथ-साथ बर्तन और कपड़े भी धुलवाए।
पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया था कि दोनों आरोपी दुष्कर्म करने के बाद मुंह बंद करने की धमकी देते थे। दोनों ने पीड़िता और उसके ससुराल वालों का जीना मुहाल कर देने की धमकी दी।
पीड़िता का आरोप है कि नीरज कुमार निराला ने उसे इन 8 दिनों तक बंधक बनाए रखा और उसे छोड़ने के बदले पति से 2 लाख की रंगदारी तक वसूल ली। इसके बाद आरोपी दरोगा ने ट्रेन से यूपी भेज दिया।
जांच में सही पाए गए आरोप
पीड़ित महिला किशनगंज एसपी डॉ. इनामुल हक के पास लिखित शिकायत लेकर पहुंची। एसपी इनामुल हक ने डीएसपी रैंक के अधिकारी से इसकी जांच कराई। जांच में महिला का आरोप सही पाया गया। उसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म, रंगदारी सहित कई दूसरे आरोपों में केस दर्ज किया गया।
इसी बीच महिला टेढ़ागाछ थाना पहुंची और थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला से फरियाद लगाई। वहीं महिला को देखने बाद थानाध्यक्ष की नीयत बिगड़ गई। इसके बाद थानेदार ने डाक पोखर पंचायत के मुखिया मनोद यादव को थाने में बुलाया।
लगभग छह महीने पहले उनकी पोस्टिंग टेढ़ागाछ थाना में हुई थी। वहीं आरोप लगाने वाली महिला का मायके उत्तरप्रदेश के अंबेडकरनगर जिला के बालापुर थाना में है। वह कुछ दिन ट्रेन से पूर्व बिहार आयी थीं।
इसके बाद थानेदार ने महिला के पति को थाने में बुलाया और महिला प्रतिनिधि की मिलीभगत से 2 लाख रुपए लेकर महिला को पति के साथ छोड़ दिया। थानेदार ने महिला को धमकी भी दी कि यदि मामले की जानकारी किसी को दी तो तुम्हारे ससुराल वाले को झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा।
एसपी डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशिक्षु डीएसपी राजन कुमार के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया। प्रशिक्षु डीएसपी की जांच के बाद एसपी के निर्देश पर थानाध्यक्ष के खिलाफ टेढ़ागाछ थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायी गई। पूरे मामले की जांच के लिए एसपी ने ठाकुरगंज सर्किल इंस्पेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में एक एसआईटी भी गठित किया है।