भोजपुर जिले में सोन नदी के सुनहरे रेत पर वर्चस्व और कब्जे को लेकर एक बार फिर बंदूकें गरजने लगी है। गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच सोन नदी का सुनहरा रेत फिर लाल होने लगा है। बालू के अवैध कारोबार, बालू घाटों पर कब्जा और सोन के सुनहरे रेत से रुपया छापने के खूनी खेल में एकबार फिर लाशें बिछ (golden sand turns red again) गई है।
बालू के अवैध खनन को लेकर खूनी खेल का कई बालू घाट गवाह रहे हैं। इनमे महादेवचक,मानाचक, सेमरिया, कमालुचक, बिंदगावां, फुंहा,राजापुर,संदेश, नारायणपुर, सारिपुर, नानसागर,किरकिरी,बजरेयाँ,फौजी घाट, बिहटा, ननौर, पेउर और बरुही ऐसे चिन्हित बालू घाटो की सूची में शामिल हैं जहां अक्सर बालू के अवैध खनन और बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर हत्याएं होती है।
जानकारी के अनुसार, भोजपुर जिले के कोइलवर थाना क्षेत्र के पंचरुखिया के निकट कमालुचक दियारा में बालू के घाट पर वर्चस्व को लेकर वर्षो से चल रहे खूनी खेल के बीच गैंगवार हुआ और इस गैंगवार में दो लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी गई।गोलियों की बरसात दो गुटों के बीच हुई जिसमें एक ही पक्ष के दो लोगो की मौत हो गई।गैंगवार में एक तीसरा व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हुआ है,जिसका शनिवार तक कुछ पता नही चल सका है।
बालू घाटों में वर्चस्व को लेकर हुए खूनी जंग में आरा के जज कोठी के समीप स्थित मणिपुरम गोल्ड लोन कम्पनी के सहायक प्रबन्धक और उतरप्रदेश के महराजगंज से जुड़े बेहरिया कम्हरिया गांव निवासी खेदू प्रसाद के पुत्र दुर्गेश कुमार(40) की हत्या कर दी गई है।उसकी पहचान उसके कपड़े से मिले आधारकार्ड से हुई है।गोलीबारी में हत्या का शिकार हुए दूसरे व्यक्ति की अभी पहचान नही हो सकी है जबकि गोली से घायल तीसरा व्यक्ति शनिवार तक लापता है।
कोइलवर थाना क्षेत्र के कमालुचक दियारा में हुए खूनी खेल के बाद आसपास के इलाकों में शनिवार को भी वीरानगी छायीहुयी है।बालू घाट पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। कोइलवर थाना क्षेत्र के सोन नदी से सटे महादेवचक सेमरिया,महुई और कमालुचक दियारा बालू के अवैध उत्खनन, परिचालन और भंडारण के लिए कुख्यात क्षेत्र रहा है जहां बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर रह रह कर बंदूकें गरजती रहती हैं।अब तक इन इलाकों में बालू से माफिया बनने के प्रयास में वर्चस्व को लेकर कई हत्याएं हो चुकी है।
कोइलवर के इन्ही इलाको में पूर्व में फौजी गुट और सिपाही गुट के बीच बालू घाट पर कब्जे को लेकर कई राउंड गोलियां चली थी जिसमे सत्येंद्र पाण्डेय के भाई की मौत हो गई थी।इसी क्षेत्र में बालू घाट पर लगी नावों की तरफ से किसानों के रैयती खेतो से अवैध ढंग से बालू काटे जाने के विरोध को लेकर हुई फायरिंग में स्थानीय निवासी विजेन्द्र राय की हत्या कर दी गई थी।इस फायरिंग में अन्य कई लोगो को गोली लगी थी और कई लोग घायल हुए थे।
कोइलवर थाना क्षेत्र के इन्ही इलाको में नावों को रोक कर रंगदारी वसूले जाने को लेकर हुए फायरिंग में मनेर थाना क्षेत्र के रामपुर दियारा के रहने वाले छबीला रजक के पुत्र मिंटू रजक के सिर में गोली लगी थी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। मृतक बालू घाट पर मजदूरी का कार्य करता था।
पिछले साल 21 फरवरी को महादेवचक सेमरिया बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर हुए फायरिंग में सब्जी तोड़ रही एक दस वर्षीय किशोरी को गोली लगी थी जिसे इलाज के बाद बचा लिया गया था।करीब एक साल पूर्व रंगदारी वसूली करने सोन नदी में उतरे छः युवकों को बालू माफियाओं और अवैध बालू का परिचालन कर रहे नाविकों ने हत्या कर शव को सोन में फेंक दिया था।
इनमे से तीन युवकों का एक एक कर एक सप्ताह के भीतर शव बरामद हुआ था जबकि अन्य तीन शवो का कुछ पता नही चल सका।बड़हरा और कोइलवर की सीमा से सटे फुंहा गांव में सोन के किनारे बीते 8 मार्च को तीन लोगो को गोली मारी गई थी। तीनों बाप और बेटे थे। इलाज के दौरान दीनबंधु बिंद (60) की मौत हो गई थी। तीनों बाप बेटे सरसों की कटाई कर खेत से वापस लौट रहे थे कि इसी बीच बालू माफियाओं दो गुटों की ताबड़तोड़ फायरिंग में इन तीनो को गोली लग गई थी।
अब तक बालू घाटो पर वर्चस्व की लड़ाई में दो दर्जन से अधिक लोगो की हत्या की जा चुकी है।बालू पर वर्चस्व को लेकर भोजपुर जिले में दो दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिसमें कई सफेदपोश भी शामिल हैं। बालू के खूनी खेल को रोकने में भोजपुर पुलिस आजतक सफल नहीं हो सकी है।