कोरोना की संकर प्रजाति ओमिक्रोन बी.2 ने यूरोप के बाद अमेरिका के विभिन्न भी बड़े शहरों में दस्तक दे दी है।
जय बाबा केदार..!
View this post on Instagram
इसे ओमिक्रोन बी.1 से
ज्यादा जानलेवा बताया जा रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से फेस मास्क की अनिवार्यता हटाई जा रही है। फाइजर, मोडरेना और जॉनसन एंड जॉनसन ड्रग कम्पनियों ने इससे बचाव के लिए दूसरे बूस्टर डोज के लिए सीडीसी और एफडीए के दरवाजे खटखटाने शुरू कर दिए हैं।
अमेरिका के महामारी और
संक्रामक रोग से जुड़े दस विशेषज्ञों का दावा है कि ओमिक्रोन बी.1 की तुलना में ऑमिक्रोन बी.2 तीस से पचास प्रतिशत ज्यादा घातक होगा। इसमें ज्यादा मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है और इससे ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है।
अमेरिकी मीडिया में
ओमिक्रोन बी.2 प्रजाति की गम्भीरता से जुड़ी खबरें सुर्खियों में आ रही हैं। यूरोप में दो देशों नीदरलैंड और डेनमार्क में ओमिक्रोन .2 की लहर आकर जा चुकी है, लेकिन वहाँ इसने महामारी का रूप नहीं लिया। इससे 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध लोगों को अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़े हैं, जबकि इस समय जर्मनी और ब्रिटेन में यह प्रजाति अपने पाँव पसार रही है।
न्यूयॉर्क में एक सप्ताह में दोगुना मामले सामने आ रहे हैं तो लॉस एंज़ेल्स और अन्य बड़े शहरों में दस से ग्यारह दिनों में ओमिक्रोन के दोगुना मामले हो रहे हैं।
खबरें हैं कि कोरोना के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व फंड ख़त्म हो रहा है। कांग्रेस में डेमोक्रेट ने 15 अरब डॉलर आवंटित किए जाने की मांग की है, तो रिपब्लिकन अभी इस फंड पर सहमति नहीं जता पा रहे हैं।
वहीं, इंडिया पर भी खतरा
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के जोर पकड़ने के बीच एक निजी चिकित्सा संस्थान की प्रयोगशाला की जांच में पिछले 18 दिन के दौरान कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के बीए.2 (B A.2 0) उप-वंश (सब लीनिएज) के 21 मामले मिले हैं।
इस उप-वंश से संक्रमित मरीजों में छह बच्चे शामिल हैं। शहर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के संस्थापक अध्यक्ष विनोद भंडारी ने 24 जनवरी को ही बताया था,‘केंद्र सरकार की मान्यता प्राप्त हमारी मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च लैब में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के बीए.2 उप-वंश के 21 मामले मिले हैं।
ये मामले मिलने की शुरुआत छह जनवरी से हुई है।’ उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन स्वरूप के “बीए.2” उप-वंश के 21 मामलों में से छह मरीजों के फेफड़ों पर एक प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक असर देखने को मिला है।