
बेगूसराय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं ने स्नातकोत्तर प्रथम, द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जारी नहीं करने, स्नातक प्रथम खंड एवं द्वितीय खंड का परीक्षाफल रोकने, अंबेडकर जयंती के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में कार्यक्रम रोकने तथा जीडी कॉलेज स्थित डाकघर की मनमानी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन एवं पुतला दहन किया।
मौके पर पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन चंद पैसों के लिए डाटा सेंटर के साथ तालमेल खराब करके छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में डाल रही है। स्नातकोत्तर प्रथम, द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम कई महीने से लंबित है।
छात्र-छात्राएं प्रथम सेमेस्टर में बिना उत्तीर्ण हुए ही द्वितीय सेमेस्टर में नामांकित हुए, परीक्षा दिए एवं बिना द्वितीय सेमेस्टर उत्तीर्ण हुए बगैर तृतीय सेमेस्टर में उन्हें भेज दिया गया तथा परीक्षा की तैयारी भी हो रही है। विश्वविद्यालय उन सभी कार्यों को तत्परता के साथ कर रही है, जिसमें उसे पैसे की उगाही दिख रही है, लेकिन छात्र-छात्राओं के हितार्थ कोई कदम नहीं उठा रही है।
जिला संयोजक सोनू सरकार ने कहा
कि यदि विश्वविद्यालय केवल छात्र-छात्राओं से पैसा वसूली का केंद्र बनेगा तो विद्यार्थी परिषद इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी, क्योंकि विश्वविद्यालय या सरकार की सभी सुविधाएं छात्र-छात्राओं के हितार्थ है। यदि हमारे संसाधनों का प्रयोग हमारे शैक्षणिक हत्या के लिए किया जाएगा, तो हम अपनी सुरक्षा के लिए आंदोलन को विवश होंगे।
नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आदित्य राज ने कहा कि अपने आप को दलित और भीमराव अंबेडकर का हितैषी कहने वाला छात्र संगठन अंबेडकर के लोगों को दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में बोलने से रोक दिया।
अंबेडकर जयंती के अवसर पर संगठन द्वारा तय किए गए कार्यक्रम को एसएफआई एवं अन्य वामपंथी संगठनों के द्वारा रोका जाना, उनके दलित एवं राष्ट्र विरोधी मानसिकता का द्योतक है। विद्यार्थी परिषद डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर समाज में हाशिए पर पड़े हुए वर्ग को मुख्यधारा में जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। वहीं, कुछ तथाकथित छात्र संगठन वैचारिक रूप से अंबेडकर की हत्या कर रहे हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राज दीपक गुप्ता एवं जिला एसएफडी प्रमुख अंशु कुमार ने कहा कि जीडी कॉलेज के द्वारा दिए गए भवन में संचालित डाकघर कॉलेज के छात्र-छात्राओं का कार्य ही नहीं करती है। यहां समय पर ना तो डाक टिकट उपलब्ध रहता है और ना ही स्पीड पोस्ट की सुविधा मिलती है, डाकघर के कर्मियों द्वारा छात्र-छात्राओं, कॉलेज कर्मियों तथा आम जनमानस के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है।
नगर सह मंत्री शांतनु कुमार एवं कॉलेज इकाई अध्यक्ष कुमार अमन ने बताया कि आंदोलन पर बैठे छात्र-छात्राओं से वार्ता के लिए डाकघर प्रधान एवं जीडी कॉलेज के बर्सर प्रो. कमलेश कुमार आए तथा सभी सुविधा बहाल करने की शर्त पर आंदोलन समाप्त कराया गया है।