मुख्य बातें: बेलादुल्ला निवासी मिथिला विश्वविद्यालय के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डा बिनोद बैठा के सुपुत्र अनुराग एसडीएम पद पर चयनित, 2019 में एमआईटी, मुजफ्फरपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पास अनुराग ने द्वितीय प्रयास में पायी यह श्रेष्ठ सफलता, मूल पुस्तकों का अध्ययन, समय- प्रबंधन तथा पूर्व परीक्षाओं का प्रश्नोत्तर हल करना सफलता का मूल मंत्र:अनुराग
Darbhanga के मदरसा में ‘ …भीख मांगती हिंदू लड़की, फिर? देखें VIDEO
View this post on Instagram
दरभंगा, देशज टाइम्स। शहर के बेलादुल्ला, वार्ड नंबर- 3 के निवासी तथा मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. बिनोद बैठा तथा हाउसवाइफ रानी कुमारी के सुपुत्र अनुराग कुमार रवि ने 67वीं बीपीएससी परीक्षा में एसडीएम पद पर चयनित होकर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर अनुराग के माता-पिता तथा अन्य व्यक्तियों ने उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त किये। अनुराग 2019 में एमआईटी, मुजफ्फरपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पास कर अपने द्वितीय प्रयास में यह श्रेष्ठ सफलता प्राप्त की है। इस सफलता से उनके परिवार, समाज, पड़ोसियों, परिचितों तथा संबंधियों में प्रसन्नता हुई है।
उन्हें बधाई देने वालों में कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित, प्रधानाचार्य डा दिलीप कुमार, बर्सर डा अवधेश प्रसाद यादव, लक्ष्य कोचिंग के पी एन झा, विश्वविद्यालय संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम महतो, प्राध्यापक डॉ. आरएन चौरसिया, शिक्षिका डॉ. अंजू कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमचंद्र उर्फ भोलू यादव, शिक्षक डॉ. अविनाश उर्फ बौआ झा,
राजू कुमार, पूर्णिया से एसडीएम अभिषेक किशोर, प्रदीप कुमार, लोकसूचना सूचना पदाधिकारी डा नवीन कुमार सिंह, उपकुलसचिव प्रथम डॉ. कामेश्वर पासवान, डॉ. गीतेन्द्र ठाकुर सहित मारवाड़ी महाविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों, पश्चिम चंपारण के रामनगर प्रखंड स्थित सबुनी गांव के निवासी तथा बेलादुल्ला निवासी आदि शामिल हैं।
अनुराग ने बताया कि वे प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की सेल्फ स्टडी तथा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अपना अध्ययन किया तथा साक्षात्कार हेतु लक्ष्य कोचिंग संस्थान, दरभंगा से मार्गदर्शन प्राप्त किया। धैर्य तथा कठिन परिश्रम का फल अवश्य ही मिलता है। मैं स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक तथा व्यायाम का अभ्यास करता हूं।
अपने प्रथम प्रयास में बीपीएससी 65 वीं परीक्षा में साक्षात्कार तक पहुंचा था तथा 2020 में यूपीएससी की मैंस परीक्षा तक पहुंचा था। आगे मेरा मुख्य लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा पास करना है।उन्होंने बताया कि समय- प्रबंधन, मूल पुस्तकों के अध्ययन के साथ ही समसामयिक की विशेष तैयारी जरूरी है। पूर्व परीक्षाओं के प्रश्नोत्तर, टेस्ट सीरीज, पीटी तथा मुख्य परीक्षा के प्रश्नोत्तरों का अभ्यास, मॉक इंटरव्यू आदि का अभ्यास सफलता के मूल सूत्र हैं।
डॉ बिनोद बैठा में कहा कि मुझे अति प्रसन्नता हो रही है कि मेरा पुत्र एसडीएम पद के लिए चयनित हुआ है। इसके पूर्व 65 वीं बीपीएससी परीक्षा में मेरी पुत्री नेहा कुमारी ग्रामीण विकास पदाधिकारी के पद पर चयनित होकर अभी अररिया के कुर्स कण्ठा ब्लॉक में कार्यरत है, जबकि तीसरी पुत्री सोनाली कुमारी डीएलएड कर मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान से एमए कर रही है।
वहीं तीसरी पुत्री रूपाली कुमारी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम डब्ल्यूईटी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक कर रही है। उन्होंने बताया कि परिश्रम एवं धैर्य का फल अवश्य ही मिलता है। पुत्र की इस सफलता से मैं और मेरा परिवार काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। यदि हर अभिभावक अपनी क्षमतानुसार बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें तो उनके बच्चे भी अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।