

बिहार में अब आप बताएंगें कि शराबबंदी की हकीकत क्या है। उसकी जरूरत है या नहीं। वह सफल है या उसमें कहीं खामीं हैं। खामी हैं तो कैसा सुधार हो…वगैरह वगैरह ठीक वैसे ही जैसे आपने जातीय गणना का फार्म भरा था। यह जानने के लिए अधिकारी आपके घर आएंगें आपसे बात करेंगे क्योंकि सरकार अब शराबबंदी (Nitish Government Will Conduct Survey Regarding Liquor Ban In Bihar) कानून को लेकर जनमत जानने की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इससे पहले नशा मुक्ति दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा था, इस नए सर्वे से शराबबंदी के प्रभाव पर एक नया अपडेट मिलेगा। निष्कर्षों के आधार पर हम नई कोशिशें करेंगे। नीतीश ने इस दौरान शराबबंदी कानून को वापस लेने से भी इनकार किया था।
शराबबंदी कानून को लेकर पहले भी सर्वे कराए गए हैं। इसमे बड़ी संख्या में लोगों के शराब की आदत छोड़ने की बात सामने आई थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि कहीं इस सर्वे के बाद नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को वापस तो नहीं ले लेंगे। पढ़िए पूरी खबर
नये सर्वे को लेकर नीतीश कुमार का कहना है बिहार में शराबबंदी अच्छी तरह से चल रही है। तब ये निर्णय आधी आबादी यानी महिलाओं की मांग पर लिया गया था, लेकिन अब ये जरूरी हो गया है कि अप्रैल, 2016 से बिहार में लागू शराबबंदी के पक्ष में कितने लोग हैं। उनका सर्वेक्षण कराकर एक आंकड़ा जनता के सामने रखा जाए।
ऐसे में, सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इसके लिए एक सर्वे कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। इसमें कोई शक नहीं कि शराबबंदी कानून के बाद भी बिहार में शराब बरामद हो रही है। वहीं, जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत भी हुई है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर प्रदेश में शराब पहुंच कहां से रही है।
विपक्ष के लगातार शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए एक सर्वे कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। इधर, विपक्ष का आरोप है कि शराबबंदी को लेकर सिर्फ गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई कर जेलों को शराबियों और तस्करों से भर दिया है। अब बिहार सरकार एक सर्वे कराने जा रही है, जिसमें लोग अपने ‘मन की बात’ बता सकेंगे।
शराबबंदी कानून को लेकर पहले भी सर्वे कराए गए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के शराब की आदत छोड़ने की बात सामने आई थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि कहीं इस सर्वे के बाद नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को वापस तो नहीं ले लेंगे।
हालांकि वह बार बार इसे वापस नहीं लेने की बात कह रहे लेकिन माना जा रहा है कि नए सर्वे के बाद सरकार आगे क्या रणनीति बनाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। ऐसे में,अब सरकारी कर्मचारी पूरे बिहार में घर घर जाकर शराबबंदी पर अपनी राय रखेंगे।








