मई,7,2024
spot_img

सात परियोजनाओं की आधारशिला रख पीएम ने बिहार को दिए सौगात,कहा गांव अभी भी पिछड़े

spot_img
spot_img
spot_img

पटना, देशज न्यूज। पीए नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार की जलापूर्ति व सीवर से जुड़ी 543.28 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। यह परियोजनाएं केंद्र की नमामि गंगे व अमरुत योजना से जुड़ी हैं। इनमें पटना की बेउर व कर्मलीचक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवान, छपरा, मुंगेर, जमालपुर, मुजफ्फरपुर से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

पीएम बेउर व कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। नगर परिषद सीवान व छपरा नगर निगम की जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया। वहीं मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट विकसित करने व मुंगेर नगर निगम तथा जमालपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास किया।

मौके पर पीएम मोदी ने कहा,बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी व उनकी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है।

यह भी पढ़ें:  Cash-for-votes in Madhubani: लोकतंत्र शर्मसार | Voter को प्रलोभन देते BJP नेता सत्यनारायण अग्रवाल समेत 2 गिरफ्तार। Madhepur Police का Big Action

मोदी ने कहा, जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोट बैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, राज्य के लोगों को आधुनिक सुविधाएं देने के बजा

यह भी पढ़ें:  Muzaffarpur News| Gaighat News| गायघाट के हैं, शराब पीने का शौक रखते हैं...तो Mobile से रहिए दूर...

ए, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं पूरी तरह बदल गईं। नतीजा ये हुआ कि राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया।

कहा, बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है।  बिहार की धरती तो आविष्कार व इनोवेशन की पर्याय रही है। बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुंचते हैं। अपनी चमक बिखेरते हैं। एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धतताएं बदल गईं. राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया. इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें