

दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। कोविड प्रोटोकॉल के कारण दो वर्षों तक ईद पर घरों से नहीं निकले लोगों के लिए इस बार ईद को धूमधाम से मनाने का मौका है। ईद पर नए कपड़े पहनने के लिए उसकी खरीदारी को विशेष रुप से युवक-युवतियां और बच्चों से कपड़ों की दुकानें पटी हुई हैं। ईद से पहले शहर में कपड़ा बाजार भी रौनक समेटने लगा है। भीषण गर्मी को देखते हुए फिर से चिकन के कपड़ों की मांग बढ़ गई हैं।
चिकनकारी के कपड़ों में लखनऊ का नाम हमेशा से सर्वोच्च स्थान पर रहा है। इस लिए यहां के व्यापारियों ने इस बार लखनऊ से विशेष प्रकार के चिकनकारी किया हुआ सर्ट, कुर्ता, कुर्ती, साफा, रुमाल मंगवाया है। व्यापारियों ने बताया कि खरीदारों की पहली पसंद में यह शामिल भी हो चुका है।
शहर में चिकनकारी के कपड़ों के लिए टावर चौक से लेकर मिर्जापुर, लहेरियासराय मेन बाजार, खान चौक, सुभाष चौक समेत कई दुकानों में यह चिकनकारी कपड़े लोगों में खासे लोकप्रिय हो रहे हैं। यहां सुबह तो कम लेकिन शाम के वक्त लोगों का दुकानों पर बड़ी संख्या में आना-जाना लगा रहता है।
टावर चौक के एक चिकनकारी कपड़ों के दुकानदार मो.बसीम ने कहा कि दो वर्षों के संकट के बाद इस साल चिकनकारी का बाजार काफी मांग उठी है। लेकिन एक बार फिर से काेविड के नये केस आने पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
वहीं, मिर्जापुर के दुकानदारों ने बताया कि लखनऊ से इस बार विशेष मास्क भी मंगवाया गया है। क्योंकि मास्क लगाना अभी भी अनिवार्य है। बावजूद इसके इस वर्ष ईद के त्योहार को धूमधाम से मनाने के लिए चिकनकारी के कपड़ों बिक्री ने रफ्तार पकड़ी है। ईद के कारण बाजार में शाम के वक्त रौनक रहती है, जिससे लोग सड़कों पर वाहन जाम और भीड़ की समस्या से परेशान देखे जाते हैं।
400 से लेकर एक हजार तक उपलब्ध कपड़े
दुकानदार अशोक गुप्ता का कहना है कि चिकन का कपड़ा कुछ वर्षों से अपने रेट पर ही स्थिर है, इसमें कोई वृद्धि नहीं हुईं है। चिकनकारी कुर्ता 400 से लेकर एक हजार तक की रेंज में उपलब्ध हैं।बाजार में इसकी मांग भी तेजी बढ़ी हुई हैं। महिलाओं की कुर्ती की रेंज भी लगभग ऐसी ही है। बुजुर्गों के बीच बड़े कॉलर वाला कुर्ता ज्यादा पसंद किया जाता है, इसके लिए बड़े कॉलर का कुर्ता भी बाजार में उतारा गया हैं।
पूरी दुनिया में पसंद की जाती चिकनकारी
लहेरियासराय मुख्य बाजार के दुकानदार मो.अशरफ ने बताया कि इसबार लखनऊ से ही ज्यादातर कपड़ों की खरीद हम लोगों ने की है। क्योंकि, चिकनकारी के लखनऊ में अमीनाबाद के निकट नजीराबाद का इलाका विशेष रूप से इसके लिए जाना जाता है। वहीं, चिकनकारी की दुकान करने वाले व्यवसायी सुरेश सर्राफ ने कहा कि चिकनकारी पूरी दुनिया में पसंद की जाती है। चिकन का कपड़ा लखनऊ की गलियों से निकलकर भारत के बाहर तक जाता है। इसे लोग उपहार स्वरुप देना पसंद करते हैं। इसे लोग दरभंगा में खूब पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गर्मियों में चिकनकारी के कुर्ता और पैजामा की मांग बढ़ती है और फिर ईद हो तो क्या पूछना है। ईद पर बिक्री बढ़ती ही है। कुर्ता में भी सफेद रंग का कुर्ता हाथों हाथ उठता है। रमजान के महीने में 22वां हो चुका है और अब कपड़ों के खरीदारी में तेजी आयी है। महिलाएं और लड़कियां भी खरीदारी के लिए निकलने लगी हैं और इससे बाजार में चहल-पहल की स्थिति बरकरार है।
बता दें कि सुर्ती कपड़े के कुर्ता या सर्ट पर सुई धागा का उपयोग कर हाथ से डिजाइन को तैयार किया जाता है। जिससे कुर्ता या सर्ट की सुंदरता बढ़ जाती है। इस कारीगारी को चिकनकारी कहते हैं। चिकनकारी का काम सादा कपड़े पर चार चांद लगाता है। इसमें भारी काम भी होता है और ऐसे कपड़े विवाह शादी में ज्यादा उपयोग में लिये जाते हैं।








