बिहार के स्कूलों में बच्चों की तरक्की के लिए सरकार कई नए बदलाव करने जा रही है। बिहार के सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं तक की कक्षा में कृषि की पढ़ाई के लिए जहां पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर (भागलपुर), राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा (समस्तीपुर), पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (पटना), एससीईआरटी, जिला शिक्षा पदाधिकारी भागलपुर के अलावे कृषि विज्ञान केंद्र को कार्यक्रम समन्वयक और एससीईआरटी (राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद) के निदेशक को सौंपी गई है।
वहीं, अब बिहार के स्कूलों में हाथ धुलाई दिवस मनाया जाएगा। 15 अक्टूबर को पूरे बिहार में हाथ धुलाई दिवस का आयोजन होने जा रहा है। इसको लेकर सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सरकार की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार,पंद्रह अक्टूबर को पूरे बिहार में इस नए दिवस का आयोजन स्कूलों में होगा जहां हाथ धुलाई दिवसक के मौके पर स्कूलों में बच्चों के धुलवाए जाएंगें। साथ ही, हाथ धुलाई के लिए शपथ भी दिलवायी जाएगी। इसका मकसद बच्चों में बीमारियों से लड़ने का जज्बा पैदा करना और उन्हें स्वस्थ रहने के लिए हिदायत के साथ उनमें जागरूकता लाना है।
अन्तर्राष्ट्रीय हाथ धुलाई दिवस पर बच्चों में जागरूकता के लिए इस अभियान की शुरूआत की जा रही है। इसमें बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए संकल्पित भी किया जाएगा। उनमें जागरूकता भी लाई जाएगी। इसके लिए सभी जिलों में इस दिवस के विभिन्न गतिविधियों पर आधारित पोस्टर, बैनर तैयार कर भेजे जा रहे हैं। इसे पत्र के साथ संलग्न कर भेजा जा रहा है। इसे अपने स्तर से व्हाट्सएप समूहों पर प्रसारित किया जाए।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि बच्चों में अक्सर देखा जाता है कि कई संक्रमण हो जाते हैं। कई प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने यह तय किया है कि अब बच्चों को हाथ धोने की आदत डालने के लिए उन्हें इस दिवस के मायने समझाएं जाएं साथ ही उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया जाए कि हाथों की धुलाई बेहद आवश्यक है।
बच्चों को उचित हाथ धुलाई की जानकारी की कमी के कारण बच्चे सक्रमण वाली बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। इस अभियान के तहत विद्यालयों की अहम भूमिका है। 15 अक्टूबर (शनिवार) को बच्चों का हाथ धुलवाया जाए और हाथ धुलाई की शपथ दिलवायी जाए।
इससे पहले पिछले कुछ साल पूर्व वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश सरकार ने भी ऐसा ही आयोजन किया था। जहां बीस लाख बच्चों ने स्कूलों में हाथ धोकर विश्व रिकार्ड बनाने की ठानी थी।